मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के निर्वहन करने के संबंध में प्रधानमंत्री ने मेरी काफी सहायता की। मुख्यमंत्री के रूप में यह मेरा पहला कार्यकाल है तो प्रधानमंत्री ने मुझे सरकार चलाने के बारे में कई सुझाव दिए, क्योंकि वे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उनके सुझाव का पालन करते हुए ही मैने राज्य के लोगों के बीच सद्भावना कायम की है। प्रधानमंत्री ने एक विनम्र पृष्ठभूमि से शीर्ष स्थान तक की यात्रा के बारे मेंंं भी बताया था। उन्होंने मुझसे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और लोगों के कल्याण पर ध्यान देने को कहा था।
प्रधानमंत्री के रूप में पूरी व्यस्तता के बीच उन्होंने अच्छी सरकार प्रदान करने के बारे में मुझे बताया। प्रधानमंत्री के बहुमूल्य सुझावों को ध्यान में रखते हुए मैने गांवों में रहने वाले लोगों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़कों को विकसित करने के लिए केंद्र ने लगभग एक लाख करोड़ का योगदान दिया है। केंद्र और राज्य के बीच अच्छे संबंध होने के कारण ही यह संभव हो पाया है।
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की टिप्पणी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार केंद्र के अधीन हो चुकी है, की निंदा करते हुए पलनीस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार का केंद्र के साथ अच्छा संबंध होने के बाद ही विकास कार्य और प्रभावी कार्यान्वयन संभव हो सकता है। केंद्र सरकार के समर्थन के बिना बड़ी योजनाओं को लागू करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ सहज और सौहार्दपूर्ण संबंंध रखने के उद्देश्य से ही एआईएडीएमके ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके ने सत्ता में आने के बाद जनता के लिए विभिन्न योजना लागू करने का वादा किया था और इन योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार को केंद्र से वित्तीय सहायता की जरूरत थी। केंद्र के साथ अच्छा संबंध होने पर ही ऐसा संभव हो पाया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने करुर विस क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर परिवहन मंत्री एमआर विजयभास्कर को वोट करने का आग्रह किया। इसी बीच डीएमके नेता एम. चिन्नासामी मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एआईएडीएमके में शामिल हो गए। उल्लेखनीय है कि चिन्नासामी ने मंगलवार को डीएमके छोडऩे की घोषणा की थी।
इससे पहले भी कई बार उनके डीएमके छोडऩे और एआईएडीएमके में शामिल होने की खबर चली थी। पूर्व मंत्री और एआईएडीएमके के तीन बार विधायक रहे चिन्नासामी कुछ साल पहले डीएमके में शामिल हुए थे। इसी बीच मंगलवार को उन्होंने डीएमके को छोडऩे और एआईएडीएमके में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पार्टी का सच्चा पदाधिकारी होने के बावजूद उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्होंने डीएमके छोडऩे का तय किया है।