कभी बारिश में टपकती थी छत अब हाईटेक आंगनवाड़ी
कभी बारिश में टपकती थी छत अब हाईटेक आंगनवाड़ी
- स्मार्ट कक्षा-कक्ष, चमचमाती फर्श, अत्याधुनिक खेल मैदान व उपकरण
- जर्मनी के एक विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मारिया कैसलमैन की प्रेरणा
चेन्नई
Published: April 30, 2022 11:47:00 pm
चेन्नई. केरल के कोट्टुकल पंचायत के अंबालाथुमूला की आंगनबाड़ी की छत कभी बारिश में टपकती थी, क्षतिग्रस्त फर्श, टूटी बेंचें हुआ करती थी। लेकिन अब इस आंगनवाड़ी में चमचमाती फर्श हैं। स्मार्ट कक्षा-कक्ष है और उच्च तकनीक वाले उपकरणों के साथ खेल का मैदान भी है। इसके पीछे जर्मनी के एक विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मारिया कैसलमैन का दिमाग है। साल 2008 में वह कोवलम आई थी। उस समय उन्होंने यह आंगनवाड़ी देखा तो इसे सुधारने का संकल्प लिया।
मारिया ने जर्मनी में एक एनजीओ पॉजिटिव पावर फॉर चिल्ड्रन ई.वी. के माध्यम से आंगनवाड़ी की कायापलट कर दी। पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, खिलौने और फर्नीचर खरीदा। उन्होंने केरल और तमिलनाडु में कई आंगनवाड़ियों के पुनर्निर्माण में मदद की। नए भवनों में बिजली और पानी के कनेक्शन और बाथरूम व रसोई के निर्माण में भी हाथ बंटाया।
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा
अंबालाथुमूल आंगनवाड़ी का उद्घाटन आदिमलाथुरा पैरिश विकर फादर डेंसन जोसा ने किया। वार्ड पार्षद आशा बी ने भवन के लिए जमीन चिन्हित करने में मदद की। यह कोट्टुकल की पहली हाई-टेक आंगनवाड़ी है। आंगनबाडी में 26 बच्चे पढ़ रहे हैं। बच्चे खेल उपकरण देखकर काफी उत्साहित हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम
मारिया कहती है, अगर जमीन उपलब्ध हो तो वे ऐसी और हाईटेक आंगनवाड़ी स्थापित करने को तैयार हैं। हमारा उद्देश्य आंगनवाड़ी को हाई-टेक बनाना भी है। पॉजिटिव पावर फॉर चिल्ड्रन ईवी के मुख्य समन्वयक विमल कुमार आरके कहते हैं, केरल और तमिलनाडु में ऐसी लगभग 20 हाई-टेक नर्सरी का निर्माण किया गया है। हाई स्कूल की लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान किया हैं।

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