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एमटीसी कर्मचारियों के प्रदर्शन का मामला : वेतन की मांग के लिए एमटीसी कर्मचारियों को मजबूर किया गया : कमल हासन

locationचेन्नईPublished: Jul 02, 2019 11:49:20 am

Submitted by:

shivali agrawal

मक्कल नीदि मय्यम के संस्थापक अध्यक्ष कमल हासन kamal haasan ने मुख्यमंत्री CM एडपाडी के. पलनीस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार govenment पर एमटीसी MTC बस Bus चालकों और कंडक्टरों को वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन करने को मजबूर करने का आरोप लगाया।

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एमटीसी कर्मचारियों के प्रदर्शन का मामला : वेतन की मांग के लिए एमटीसी कर्मचारियों को मजबूर किया गया : कमल हासन

कमल हासन ने राज्य सरकार को बताया असमर्थ
चेन्नई. मक्कल नीदि मय्यम के संस्थापक अध्यक्ष कमल हासन kamal haasan ने मुख्यमंत्री CM एडपाडी के. पलनीस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार govenment पर एमटीसी MTC बस Bus चालकों और कंडक्टरों को वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन करने को मजबूर करने का आरोप लगाया। यहां ट्वीट कर उन्होंने कहा तमिलनाडु Tamilnadu की असमर्थ सरकार ने वेतन की मांग के लिए भी कर्मचारियों को प्रदर्शन करने को मजबूर कर दिया। राज्य की जनता की ओर से मक्कल नीदि मय्यम इस मामले की निंदा करती है। बस चालकों की अचानक से हड़ताल पर जाने की वजह से महानगर में लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई। कर्मचारियों का आरोप था कि उनका वेतन अब तक नहीं मिला है। हालांकि परिवहन Transport विभाग द्वारा वेतन मिलने के मिले आश्वासन के बाद बसों का संचालन सामान्य हो गया।
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एमटीसी बसों की हड़ताल से परेशान हुए यात्री
– बस टर्मिनस सुनसान,यात्री परेशान
चेन्नई. पिछले महीने का वेतन नहीं मिलने से नाराज एमटीसी कर्मियों की अंशकालिक हड़ताल ने थोड़ी देर के लिए यात्रियों को काफी परेशान किया। हालांकि परिवहन मंत्री विजय भास्कर से शाम तक तनख्वाह मिलने का आश्वासन मिलने के बाद एमटीसी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली और कुछ ही देर बाद बसों की आवाजाही सामान्य रूप से होने लगी। इससे पूर्व बसों की अचानक हुई हड़ताल से चेन्नईवासियों को आवागमन में बेहद जद्दोजहद का सामना करना पड़ा। लोग सामान्यत: रविवार के अवकाश के बाद सोमवार को अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए तय समय पर घर से निकलते हैं, लेकिन सोमवार को जब नौकरी पेशा लोग अपने घर से बस स्टॉप पर आए तो उन्हें महसूस होने लगा कि सडक़ पर एमटीसी सेवा नहीं के बराबर है। लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि महानगर के कई रूटों पर रेडलाइन बसें जो डीलक्स श्रेणी में चलाई जाती है की सर्विस कई रूटों पर नजर आई। लेकिन उन बसों में भी इतनी भीड़ थी कि यात्रियों को पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी।
बस रूट संख्या २४२ के कंडक्टर आरमुगम ने बताया कि जब से यह रेडलाइन बसें एमटीसी के बेड़े में शामिल हुई हैं तब से पहली बार इस बस में इतनी भारी तादाद में सवारी मिली है। उन्होंने कहा कि अन्य बसों की तुलना में किराया अधिक होने के कारण सामान्य यात्री इस बस में चढऩे से कतराते हैं। लेकिन बस नहीं मिलने के कारण लोग ज्यादा किराया चुकाकर भी इसमें सवार होने को तैयार दिखे।
वहीं ब्रॉडवे से केके नगर तक चलने वाली बस संख्या १७डी, के कंडक्टर नादमुनी एगमोर में खचाखच भरी बस में चढने की कोशिश कर रहे यात्रियों को पीछे आने वाली बस में चढने की सलाह देते नजर आए। नादमुनी के अनुसार बसों में बिल्कुल भी जगह नहीं है।
मनली से ब्रॉडवे तक आने वाली बस संख्या १६४ में भारी भीड़ के कारण बस मूलकडै में बे्रकडाउन हो गई और यात्रियों को अन्य साधनों की तलाश में घंटो इंतजार करना पड़ा।
टाटा मैजिक और शेयर ऑटो वालों की चांदी
जहां सोमवार को दोपहर तक एमटीसी के बस बंद होने का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा वहीं अन्य सवारी गाडिय़ां शेयर आटो और टाटा मैजिक वालों की कमाई में भारी इजाफा हुआ। बस नहीं मिलने पर यात्री शेयर ऑटो और टाटा मैजिक से गंतव्य तक पहुंचे।
ऑफिस देर से पहुंचे कर्मचारी
एमटीसी बस नहीं मिलने के कारण नौकरी पेशा लोग अपने ऑफिस समय पर नहीं पहुंच पाए। माधवरम से गिंडी जाने वाले अरविंदम ने बताया कि उसे पता नहीं था कि बस की हड़ताल है, एक घंटे तक बस नहीं आने के बाद १० बजे माधवरम से मूलकडै के लिए शेयर ऑटो पकड़ा लेकिन वहां से कोई साधन नहीं मिला, इसलिए वापस घर आना पड़ा। इसी तरह महानगर के अन्य हिस्सों में एमटीसी के सेवा बंद होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में के लिए अन्य विकल्प तलाशने पड़े।
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