–पहले से ही संचालित हो रही है
मेट्रो ट्रेन में यह प्रक्रिया पहले से ही संचालित हो रही है उसी का अनुसरण करते हुए बसों में इसकी शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि ७५ बसों में यह सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिसमें से नई लाल वाली ५० बसों में स्थापित हो चुकी है। परिवहन कार्यकर्ता आर. रंगाचेरी ने बताया कि सरकार की यह पहल अन्य जिलों से चेन्नई आने वालों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। बहुत बार ऐसा होता है कि यात्री कंडक्टर पर निर्भर होकर अपनी यात्रा करते हैं और गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं क्योंकि कंडक्टर टिकट वितरित करने में व्यस्त होते हैं, लेकिन अब ऐसे हालात उत्पन्न नहीं होंगे।
–50 बसों में सफलता पूर्वक जीपीएस उपकरणों को फीट किया गया
इस महीने की शुरुआत में निविदाएं मंगाई गई थी और इन सभी 50 बसों में सफलता पूर्वक जीपीएस उपकरणों को फीट किया गया है। निविदा मानदंड के अनुसार तमिल में घोषणाएं करने के लिए एक प्रणाली विकसित की गई है और घोषणाओं के बीच, फर्म को विज्ञापन चलाने की भी अनुमति है। इसके लिए फर्म प्रत्येक बसों को प्रति माह १ हजार २५० रूपए का भुगतान भी करेगी। वर्तमान में बस स्टॉप के पास घोषणाओं के बीच वसंता एंड कंपनी समेत आठ निजी कंपनियों का विज्ञापन दिखाया जाता है। जिसके माध्यम से एमटीसी को प्रति माह ६२ हजार ५०० का राजस्व भी मिलता है। इस नई प्रणाली पर प्रतिक्रिया आने के बाद एमटीसी के अन्य बसों में भी इसका विस्तार किया जाएगा।