चेन्नई

एमटीसी ने कम की नाइट सर्विस की बसें

दीप्ति अयप्पनतांगल की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है, उसका घर तंडियारपेट में है। उसका कहना था कि ऑफिस का काम निपटाने के चक्कर…

चेन्नईMar 17, 2019 / 10:08 pm

मुकेश शर्मा

MTC low night service buses

चेन्नई।दीप्ति अयप्पनतांगल की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है, उसका घर तंडियारपेट में है। उसका कहना था कि ऑफिस का काम निपटाने के चक्कर में उसे काफी देर हो जाती है जिससे वह देर रात घर पहुंच पाती है। वह कहती है कि करीब साढ़े आठ बजे वह आफिस से निकलती है तब तक मिंट जाने वाली अधिकांश बसें निकल चुकी होती हैं। नतीजतन उसे अन्य साधन का सहारा लेना पड़ता है। मासिक पास लेने के बावजूद उसे अतिरिक्त पैसे खर्चे करने पड़ते हैं फिर भी वह ११ बजे से पहले घर नहीं पहुंच पाती।

मोहन जार्जटाउन की एक शिपिंग कंपनी में काम करता है। उसे कंपनी के काम से शहर के अन्य हिस्सों में भी जाना पड़ता है। उसका कहना था कि कंपनी ने उसे आवागमन के लिए एक हजार रुपए का मासिक पास दे रखा है लेकिन रात नौ बजे बाद महानगर में बसों का आवागमन कम होने के कारण उसे प्राय: अतिरिक्त रुपए खर्च करके गंतव्य पर पहुंचना पड़ता है। इस कारण हर महीने उसे अपनी पॉकेट से पैसा खर्च करना पड़ता है।

यह समस्या सिर्फ कुछ यात्रियों की नहीं है, हजारों ऐसे लोग हैं जो मासिक एमटीसी बस पास इसलिए बनाते हैं कि वे एक हजार रुपए में पूरे महीने बसों से बिना किसी परेशानी के आवाजाही कर सकें। लेकिन एमटीसी द्वारा नाइट सर्विस बसें घटाने से आमजन को जहां घर पहुंचने के लिए अतिरिक्त पैसे चुकाने पड़ते हैं वहीं ऐसे लोग जो अन्य वाहन के बजाय बस से ही जाना चाहते हैं उनका बसों का इंतजार करने में ही काफी समय जाया हो जाता है।

बतादें कि महानगर के एमटीसी के बेड़े में पहले ३९६० बसें थी लेकिन विगत दस वर्षो में बड़ी संख्या में बसें खराब पड़ी रहती हैं। खासकर लम्बी दूरी में बसों का अधिक इस्तेमाल होने के कारण बसों की उम्र कम हो जाती है। एमटीसी द्वारा खराब बसों का संचालन तो बंद कर दिया लेकिन उन बसों के बदले में महज ७६ रेड कलर बसें ही संचालित की है जो यात्रियों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान प्रतीत हो रही हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एमटीसी के बेड़े में अभी २९०० बसें ही सेवा दे रही हैं जिसके कारण नाइट सर्विस में चलने वाली बसों का संचालन बहुत कम हो गया है।

 
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