scriptप्रेमचंद के पात्र समाज में आज भी जीवित | Munshi Premchand's birth anniversary celebrated | Patrika News

प्रेमचंद के पात्र समाज में आज भी जीवित

locationचेन्नईPublished: Aug 02, 2019 07:05:13 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती मनाई, मुंशी प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय था। इनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गांव में हुआ था।

Munshi Premchand's birth anniversary

प्रेमचंद के पात्र समाज में आज भी जीवित

तिरुवारुर. तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। इनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गांव में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय था। इस अवसर पर विभाग के विभिन्न विद्यार्थी, शोधार्थी, प्राध्यापकों ने अपने विचार व्यक्त किए। छात्रा श्रीनिशा ने प्रेमचंद के कथा साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं का वर्णन किया। मंजूषा, कणी, अनघा, नेपोली, लखन एवं शोधार्थी सुरेश, मिलन, अनिल, प्रतिभा और गौरव ने प्रेमचंद की विभिन्न कहानियों के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किए। शोधार्थी आशीष ने प्रेमचंद की कहानी यही मेरा वतन और मिस पदमा की आलोचना प्रस्तुत की।

अतिथि प्राध्यापक डॉ. आरले श्रीकांत ने प्रेमचंद के कहानियों में वर्णित किसानों की समस्याओं और संस्कृति के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ. आनंद पाटील, डॉ. मधुलिका बेन पटेल, डॉ. रजनीश मिश्रा, डॉ. प्रियंका उपस्थित रहे और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. एसवीएसएस नारायण राजू ने अध्यक्षीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रेमचंद के पात्र समाज में आज भी किसी न किसी रूप में जीवित हैं। उन्होंने प्रेमचंद के मुंशी प्रेमचंद हो जाने का रोचक संस्मरण भी साझा किए। कार्यक्रम का संचालन आशीष तथा धन्यवाद ज्ञापन सतीश चंद्र सी. ने किया।

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