जानकारी के अनुसार कुमार मूल रूप से वेलूर के अरणी का रहने वाला था। कुमार के पिता काली पुदुपेट इलाके में चाय की दुकान चलाते हैं। वर्ष २०१२ में कुमार अपने पिता से मिलने आया और अपने दोस्त मुरुगेशन के कमरे में ठहरा था। वर्ष २०१२ के जुलाई महीने में कुमार का शव छत पर मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
घटना के चार महीने बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई जिसमें पता चला कि कुमार की मौत गला दबाने से हुई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस को कुमार के दोस्त पर संदेह था लेकिन उसका कोई पता नहीं लग सका था।
पुलिस ने बताया कि मुरुगेशन मूल रूप से शिवगंगा जिले का रहने वाला था। पुलिस ने वहां उसकी तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। करीब ७ साल बाद मुरुगेशन पुदुपेट अपने रिश्तेदारों से मिलने आया था जिसकी भनक पुलिस को लग गई और त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे दबोच लिया गया।
पूछताछ में उसने बताया कि घटना वाले दिन दोनों छत पर बैठकर शराब पी रहे थे। मुरुगेशन मोबाइल पर बातें कर रहा था। जोर-जोर से मोबाइल बात करना कुमार को रास नहीं आया और दोनों में झगड़ा हो गया। मुरुगेशन ने गला दबा कर कुमार की हत्या कर दी।