हाईकोर्ट परिसर में तमिल विद्वान की मृत्यु मद्रास हाईकोर्ट परिसर में तमिल विद्वान केटी पच्चैअप्पन की दिल का दौरा पडऩे से मृत्यु हो गई। वे गुरुवार को किसी कार्यवश हाईकोर्ट गए थे। वहां पच्चैअप्पन अचानक बेहोश होकर नीचे गिर गए। बताया गया है कि अचेत होने के बाद तत्काल उनको कोई मदद नहीं मिली। पचैअप्पन विभिन्न माध्यमों से तमिल भाषा के विकास में लगे थे।
जल्लीकट्टू हिंसा जांच आयोग को मोहलत से इनकार चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने स्पष्ट से कहा है कि जल्लीकट्टू आंदोलन के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए गठित जस्टिस राजेश्वरन आयोग का कार्यकाल तीन महीने से अधिक का नहीं होगा।
डीएमके शासनकाल में ओमंदूरर राजकीय एस्टेट में नई विधानसभा व सचिवालय परिसर का निर्माण कराया गया था। 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद एआईएडीएमके ने इस सचिवालय को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने सचिवालय निर्माण में घोटाला होने का आरोप लगाते हुए रिटायर्ड जज रघुपति की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। डीएमके ने जांच आयोग को हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस याचिका पर गुरुवार को न्यायालय ने सुनवाई की। न्यायाधीश ने कहा कि तुत्तुकुड़ी फायरिंग की जांच कर रहे जस्टिस अरुणा जगदीशन को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए न्यायोचित समय दिया जाए। जल्लीकट्टू हिंसा की जांच कर रहे जस्टिस राजेश्वरन आयोग को तीन महीने से अधिक की मोहलत नहीं दी जाए। न्यायालय ने नए सचिवालय निर्माण घोटाले की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्षता छोडऩे वाले जस्टिस रघुपति की जगह अन्य सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति को लेकर सरकार से 27 सितम्बर तक जवाब देने को कहा है।
डीएमके शासनकाल में ओमंदूरर राजकीय एस्टेट में नई विधानसभा व सचिवालय परिसर का निर्माण कराया गया था। 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद एआईएडीएमके ने इस सचिवालय को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने सचिवालय निर्माण में घोटाला होने का आरोप लगाते हुए रिटायर्ड जज रघुपति की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। डीएमके ने जांच आयोग को हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस याचिका पर गुरुवार को न्यायालय ने सुनवाई की। न्यायाधीश ने कहा कि तुत्तुकुड़ी फायरिंग की जांच कर रहे जस्टिस अरुणा जगदीशन को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए न्यायोचित समय दिया जाए। जल्लीकट्टू हिंसा की जांच कर रहे जस्टिस राजेश्वरन आयोग को तीन महीने से अधिक की मोहलत नहीं दी जाए। न्यायालय ने नए सचिवालय निर्माण घोटाले की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्षता छोडऩे वाले जस्टिस रघुपति की जगह अन्य सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति को लेकर सरकार से 27 सितम्बर तक जवाब देने को कहा है।
किसानों को परेशान नहीं किया जाए : हाईकोर्ट चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने चेन्नई-सेलम ग्रीनफील्ड 8 लेन सड़क परियोजना मामले में आमजन और किसानों को परेशान नहीं किए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट में इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट का विरोध करते हुए भूमि अवाप्ति से प्रभावित बी. वी. कृष्णमूर्ति, पूऊलगिन नन्बरगल के सुंदरराजन और धर्मपुरी लोकसभा सांसद डा. अन्बुमणि रामदास समेत अन्य ने याचिकाएं दायर कर रखी हैं। इन याचिकाओं पर पूर्व में हुई सुनवाई के वक्त हाईकोर्ट ने सरकार को पाबंद किया था कि जब तक अगले आदेश नहीं आ जाए तब तक भूमि मालिकों को उनकी जगह से बेदखल नहीं किया जाए। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को फिर से इन याचिकाओं पर सुनवाई की। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हरूर में काटे गए पेड़ों की जगह 1200 नए वृक्ष लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बगैर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू नहीं हो सकता। न्यायालय ने सरकार से कहा कि इस परियोजना में जो लोग जमीन नहीं देना चाहते उनको परेशान नहीं किया जाए। यह कहते हुए सुनवाई 23 सितम्बर के लिए टाल दी।