मामला कन्याकुमारी जिले में कलियाक्काविलई थाना के विशेष उप-निरीक्षक (एसएसआई) विल्सन की हत्या का है जो इसी साल जनवरी महीने में कर दी गई थी।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून और हथियार कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपपत्र चेन्नई में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष दायर किया गया।
अधिकारी ने कहा कि विशेष उप-निरीक्षक (एसएसआई) विल्सन की शमीम और तौफीक ने आठ जनवरी को गोली और चाकू मारकर हत्या कर दी थी। उस समय विल्सन ड्यूटी पर थे। एनआईए अधिकारी ने बताया कि 15 जनवरी को हमलावरों की गिरफ्तारी के बाद यह पता चला कि उन्होंने पुलिस सहित लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से इस अपराध को अंजाम दिया था।
एनआईए ने एक फरवरी को यह मामला तमिलनाडु पुलिस से अपने हाथ में ले लिया था। जांच के दौरान बड़ी साजिश में मोहिदीन, महबूब, इजास और जाफर की भूमिकाओं का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि आईएसआईएस आतंकी समूह के सदस्य मोहिदीन ने मई 2019 से शमीम और तौफीक को हिंसक चरमपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित किया तथा उन्हें तमिलनाडु में विशेषकर पुलिस, के खिलाफ हमले करने के लिए अपने आतंकवादी गिरोह में भर्ती कर लिया था।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 में मोहिदीन ने महबूब, इजास और जाफर को अवैध हथियारों की खरीद करने का निर्देश दिया। जांच एजेंसी के अधिकारी के अनुसार, जनवरी के शुरू में तमिलनाडु पुलिस ने महबूब के साथियों को बेंगलुरू में गिरफ्तार किया और अन्य की खोज शुरू की। तब मोहिदीन ने शमीम और तौफीक को कन्याकुमारी जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चौकी में तमिलनाडु पुलिस पर हमला करने का निर्देश दिया।
हमलावर आठ जनवरी को कलियक्काविलई पहुंचे ओर ड्यूटी पर तैनत एसएसआई विल्सन पर हमला कर दिया। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वारदात के बाद हमलावर केरल भाग गए और हथियारों को छिपा दिया। फिर वे अपनी पहचान छिपा कर कोझीकोड गए और वहां से महाराष्ट्र गए। वहां से वे लोग कर्नाटक के उडुपी आए जहां 15 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।