स मामले में सरकार और वादी की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश केके शशिधरण और न्यायाधीश जी. र. स्वामीनाथन की बेंच ने सरकार को आठ सप्ताह के भीतर एनओसी जारी करने को कहा था
गौरतलब है कि तमिलनाडु में नवोदय विद्यालय चर्चा का विषय रहा है। मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल में तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करे। सरकार को प्रमाण पत्र जारी करते वक्त इस बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि केंद्रीय स्कूल की वजह से राज्य में हिन्दी थोपी जाएगी। इस मामले में सरकार और वादी की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश केके शशिधरण और न्यायाधीश जी. र. स्वामीनाथन की बेंच ने सरकार को आठ सप्ताह के भीतर एनओसी जारी करने को कहा था। इसी पृष्ठभूमि में प्रकाश जावड़ेकर से तमिलनाडु में नवोदय विद्यालय नहीं होने को लेकर सवाल किया गया। गौरतलब है कि राज्य सरकार नवोदय विद्यालय के खिलाफ है। बरसों से यह विचारधारा चली आ रही है कि अगर केंद्रीय विद्यालय को अनुमति दी गई तो ग्रामीण इलाकों के बच्चों को अनिवार्य रूप से हिन्दी पढ़ाई जाएगी।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में नवोदय विद्यालय चर्चा का विषय रहा है। मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल में तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करे। सरकार को प्रमाण पत्र जारी करते वक्त इस बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि केंद्रीय स्कूल की वजह से राज्य में हिन्दी थोपी जाएगी। इस मामले में सरकार और वादी की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश केके शशिधरण और न्यायाधीश जी. र. स्वामीनाथन की बेंच ने सरकार को आठ सप्ताह के भीतर एनओसी जारी करने को कहा था। इसी पृष्ठभूमि में प्रकाश जावड़ेकर से तमिलनाडु में नवोदय विद्यालय नहीं होने को लेकर सवाल किया गया। गौरतलब है कि राज्य सरकार नवोदय विद्यालय के खिलाफ है। बरसों से यह विचारधारा चली आ रही है कि अगर केंद्रीय विद्यालय को अनुमति दी गई तो ग्रामीण इलाकों के बच्चों को अनिवार्य रूप से हिन्दी पढ़ाई जाएगी।