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एनडीए से सेना में महिलाओं को शामिल करने का स्वागत

locationचेन्नईPublished: Sep 24, 2021 10:34:36 pm

एनडीए से सेना में महिलाओं को शामिल करने का स्वागत- इसी साल एनडीए में शामिल हो सकेगी

NDA

Advocate Sheela Bhandari

चेन्नई. देश की बेटियां भी अब नेशनल डिफेंस एकेडमी की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में यह अंतरिम व्यवस्था दी। इसी वर्ष 14 नवंबर को होने वाली एनडीए की परीक्षा में भी शामिल हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय का महिलाओं ने स्वागत किया है।
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट से कहा था कि महिलाओं को शामिल करने की अनुमति देने के लिए कुछ बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता है, इसलिए महिलाओं को एनडीए प्रवेश में भाग लेने की अनुमति देने के लिए मई 2022 तक का समय दिया जाए। कोर्ट ने मंत्रालय की इस मांग को ठुकरा दिया। जिसके बाद महिलाओं के लिए सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं। लैंगिक समानता के मुद्दों को स्थगित नहीं किया जा सकता। महिलाओं को नवंबर 2021 की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसे एक साल के लिए स्थगित नहीं किया जा सकता है।
हालांकि कोर्ट के सामने तर्क पेश किया गया कि महिलाओं के प्रवेश से पहले उनके लिए यह सुविधाएं उपलब्ध कराने में मई 2022 तक का समय लग सकता है। इसलिए कोर्ट से मार्च 2022 में होने वाली एनडीए परीक्षा से ही महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने की मांग की गई। लेकिन कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बल आपात स्थिति से निपटते हैं। इसलिए सशस्त्र बल इस परिदृश्य से निपटने में सक्षम होंगे। पीठ ने कहा कि सेना को महिलाओं के प्रति रवैया बदलना चाहिए। कोर्ट ने यूपीएससी को परीक्षा पर संशोधित अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।
महिलाओं को परमानेन्ट कमीशन पहले से
सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन पहले ही दे दिया गया है। सेना में प्रवेश के 3 तरीके हैं। एनडीए, आईएमए व ओटीए। महिलाओं को अब तक आईएमए व ओटीए से प्रवेश की अनुमति दी जाती रही है।
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अब बेटियों को बराबरी का मौका
लैंगिक असमानता के आधार पर लड़कियों को एनडीए की परीक्षा से वंचित करना समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। मुझे खुशी है अब बेटियों को बराबरी का मौका मिलेगा। एनडीए की प्रवेश प्रक्रिया में लड़के-लड़कियों के लिए भर्ती से ट्रेनिंग शेड्यूल तक समान स्टैंडर्ड होना चाहिए। लड़कियों के लिए आरक्षण नहीं, प्रवेश मेरिट पर होना चाहिए।
– एडवोकेट शीला भंडारी, वरिष्ठ लोक अभियोजक, मद्रास उच्च न्यायालय।
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