scriptस्वास्थ्य व शिक्षा के प्रति सचेत कर रही नीलम फाउण्डेशन | Neelam Foundation fight the COVID-19 battle in Chennai's slums | Patrika News

स्वास्थ्य व शिक्षा के प्रति सचेत कर रही नीलम फाउण्डेशन

locationचेन्नईPublished: Aug 05, 2020 08:29:00 pm

– अब मलिन बस्तियों में खोलेगी आठ केन्द्र- तीन वार्ड में सुलझा रही स्वास्थ्य समस्याएं

Neelam Foundation fight the COVID-19 battle in Chennai's slums

Neelam Foundation fight the COVID-19 battle in Chennai’s slums

चेन्नई. कोविड-19 के प्रति जागरुकता पैदा करने के साथ ही मलिन बस्तियों में शिक्षा का अलख जगाने को लेकर नीलम फाउण्डेशन ने अहम भूमिका अदा की है। कोविड-19 की लड़ाई में फाउण्डेशन ने ग्रेटर चेन्नई निगम के साथ हाथ मिलाया है। फाउंडेशन को जोन-8 में तीन वार्ड आवंटित किए गए हैं। यहां करीब 3500 मकान हैं जिनमें 13 हजार लोग निवास कर रहे हैं। फाउण्डेशन से 24 महिलाएं जुड़ी है। कोविड-19 में स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने में फाउण्डेशन की महिलाएं विशेष काम कर रही है। खास बात यह है कि फाउण्डेशन से जुड़ी सभी महिलाएं भी मलिन बस्तियों में निवास करने वाली ही है। ऐसे में ये महिलाएं जब अपनी तरह के परिवारों के बीच जाकर उन्हें समझाती है तो किसी तरह की अधिक परेशानी नहीं होती। इतना ही नहीं उनमें जहां नेतृत्व क्षमता का विकास हो रहा है वहीं मन में एक ऐसा भाव भी कहीं घर कर रहा है कि वे अपने ही समुदाय के लिए कुछ अच्छा कर रही है।
समुदाय से जुडऩे का अवसर
फाउण्डेशन से जुड़ी एक महिला सदस्य का कहना था कि उसने भूगर्भ शास्त्र में स्नातकोत्तर किया है लेकिन यह पहला अवसर है जब वह इस तरह के काम से जुड़ी है। लाकडाउन की अवधि में उसके परिवार की सदस्यों की नौकरी छूट जाने से आय का जरिया भी बन्द हो गया। ऐसे में मेरे व समुदाय के लिए कुछ अच्छा करने का यह सबसे बढिय़ा समय भी है। फाउण्डेशन की सदस्य सुबह होते ही घर से निकलती है तथा विभिन्न मलिन बस्तियों में जाकर उनके स्वास्थ्य को लेकर उन्हें जागरुक करती है। शुरुआत में कई घरों में विरोध भी झेलना पड़ा। सुबह के वक्त पहुंच जाने से कई घरों के लोग नाराज भी हुए। बाद में अब इतना विरोध नहीं झेलना पड़ रहा है। इन सदस्यों ने कुछ लोगों को कोविड-19 की जांच के लिए टेस्टिंग के लिए भी भेजा है।
जमीनी स्तर पर काम
पिछले दो महीने से इन इलाकों में फाउण्डेशन के सदस्यों से काम करने से उनके घरेलु संबंध बन चुके हैं। अब फाउण्डेशन ऐसी आठ मलिन बस्तियों में फाउण्डेशन केन्द्र खोलने की योजना बना रहा है। ताकि इन बस्तियों में महिलाओं व बच्चों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर काम किया जा सकें। इन इलाकों में कोई स्कूल भी नहीं है। ऐसे में इन केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने का काम भी किया जा सकेगा। ऐसे में स्कूलों से टाइअप कर उन्हें विभिन्न आर्ट गतिविधियों में भी पारंगत बनाया जाएगा।
ड्रापआउट में कमी आएगी
फाउण्डेशन की संस्थापिका मुत्थामिल कलैविजी कहती हैं, अक्सर कुछ समय स्कूल जाने के बाद मलिन बस्तियों के बच्चे स्कूल जाना बन्द कर देते हैं। ऐसे बच्चों को फिर से स्कूल की तरफ आकर्षित करने के प्रयास किए जाएंगे। हालांकि फाउंडेशन की ओर से पिछले छह साल से ऐसा किया जा रहा है जिसमें अच्छी सफलता भी मिली है। दानदाताओं की मदद से ऐसे केन्द्रों का संचालन किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो