चिकित्सकों ने बताया कि पावर ड्रिल मशीन में काम करने के दौरान तिरुवण्णामलै जिले के के.सुरेश के बाएं पैर में बड़ी गंभीर क्रश इन्ज्यूरी हो गई थी। इसके बाद इस कम लागत वाले इलाज से उनके पैर को विच्छेदन से बचाया गया। इस इलाज एवं बड़ी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए डा.वीटीएस अरुल शिवकुमार ने कहा कि अब 32 वर्षीय युवक अपने पैरों पर बिना किसी की मदद के चल सकता है।
चिकित्सकों की इस टीम में डा.धर्मराज समेत कई अन्य चिकित्सक शामिल थे। चिकित्सकों ने बताया कि वह जहरबाद से पीडि़त हो गया था। उसे तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई। मृत उत्तकों को हटाया गया। वैक्यूम सहायता प्राप्त वुन्ड क्लोजर (वीएसी एप्लीकेशन) की अद्भुत तकनीक का प्रयोग किया गया। इलाज के दौरान जख्म को स्किन से ढका गया। यह युवक के शरीर से ही लिया गया था। अब वह अपने काम पर लौट गया है।