कोयम्बत्तूर पर 'निपाह वायरस का खतरा
अस्पताल में बनाया विशेष वार्ड

केरल के कोझिकोड जिले में फैले रहस्यमय निपाह वायरस का संकट कोयम्बत्तूर पर भी मंडरा सकता है।इसी आशंका के चलते यहां का जिला प्रशासन सतर्कहो गया है। कोयम्बत्तूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही एक विशेष वार्ड बनाया गया है। हालांकि अभी तक कोयम्बत्तूर में निपाह पीडि़त एक भी रोगी सामने नहीं आया है।लेकिन केरल से सटे कोयम्बत्तूर में रोजाना बड़ी संख्या में वहां के लोग रोजगार के लिए आते हैं।छात्र-छात्राएं यहां के संस्थानों में पढ़ रहे हैं।कोयम्बत्तूर के निकट के केरल के इलाके के लोग इलाज के लिए भी यहीं का रुख करते हैं। ऐसे में आशंका है कि कहीं ये वायरसकोयम्बत्तूर नहीं आ जाए।इसकी रोकथाम के लिएचिकित्सा विभाग ने तैयारियां कर ली है।केरल में अभी तक17 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
वायरस पहले हमारे घरों में कुत्तों और बिल्लियों जैसे पालतू जानवरों पर हमला करता है
रोगियों का इलाज कर रही दो नर्स भी इस रोग की चपेट में आ चुकी हैं। निपाह वायरस चमगादड़ व अन्य कीटों के कुतरे फलों को खाने से फैला है।वायरस पहले हमारे घरों में कुत्तों और बिल्लियों जैसे पालतू जानवरों पर हमला करता है और फिर यह परिवार के बाकी हिस्सों को प्रभावित करता है। हालांकि 1998 में पहली बार वायरस की पहचान हुई थी लेकिन इलाज के लिए अब तक कोई दवा नहीं है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि स्वच्छता ही इस हमले को रोकने का एकमात्र तरीका है। विशेषज्ञों ने लोगों को फलों और सब्जियों का उपयोग करने से पहले इन्हें अच्छी तरह से धोने की सलाह दी है। साथ ही कीड़े और अन्य जानवरों द्वारा काटे गए फल खाने से परहेज करने को कहा है। पालतू पशु मालिकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि जानवर वायरस से प्रभावित न हो। श्वास की परेशानी, तेज सिरदर्द, तेज बुखार निपाह वायरस के हमले के शुरुआती लक्षण हैं। ऐसे में तत्काल चिकित्सक की सलाह ली जानी चाहिए।
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