वित्त मंत्री ने पूर्णानूरू का १८४वां पद पढ़ा जिसमें राजा के प्रजा के प्रति कर्तव्यों का वर्णन है। यह पद्य साहित्य ४०० पदों का है जिसमें प्रजा शासक को युद्ध, महानता, उदारता, नैतिकता और दर्शन संबंधी परामर्श दिया गया है। सीतारमण ने जो पंक्तियां पढ़ी वे राजा पांडियन अरिवुडै को दी गई शिक्षा थी। बजट भाषण में उन्होंने कहा इस कविता से उनको सलाह मिली है। सबक यह है कि अगर एक हाथी खेत में उतर जाए तो वह अपनी भूख मिटाने से ज्यादा फसल उसके पैरों से नष्ट कर देगा। तमिल में यह उक्ति पढऩे के बाद उन्होंने जब सदस्यों से इसका आशय पूछा तो सभी मुस्कुराने लगे। इनमें डीएमके सदस्य ए. राजा और दयानिधि मारन भी शामिल थे। राजा पांडियन को दी गई इस सीख का अनुसरण उनकी सरकार भी करती है तथा उसी के अनुरूप कर ढांचे का गठन किया गया है।
मंत्री के संगमकालीन साहित्य का अनुवाद कर रहे सेंथिल नाथन ने कहा यह उक्ति कर वसूली के लिए सटीक है। यहां मंत्री का आशय यह है कि कर वसूली तार्किक होनी चाहिए इसे बोझ नहीं बनाया जाना चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो यह शासक के काम नहीं आएगी और देश को भी नुकसान होगा। निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष कर राजस्व जहां बढ़ा है तो सरकार ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम आय वालों से कर भार कम करने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण से पहले पी. चिदम्बरम ने भी बजट भाषण में तमिल साहित्य तिरुकुरल का उल्लेख किया था, लेकिन यह पहली बार है जब पूर्णानूरू के पद बजट भाषण में शामिल किए गए हैं। तमिल उक्ति पढऩे पर उनकी सदन में तारीफ हुई।