मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीस्वामी ने गुरुवार को संकेत दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन नहीं देगी।
पलनीस्वामी ने कहा कि जब अन्नाद्रमुक के सांसदों ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति के गठन को लेकर लगभग तीन हफ्ते तक लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी थी उस समय किसी भी पार्टी ने तमिलनाडु का समर्थन नहीं किया था। पार्टी अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देगी या नहीं इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, आपको यह समझना होगा कि तेदेपा आंध्रप्रदेश की समस्या को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाए। जब पिछले सत्र के दौरान तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक सांसदों ने संसद नहीं चलने दी थी तब किसने समर्थन में आवाज उठाई थी और कावेरी डेल्टाई किसानों की समस्या सुलझाने कौनसा राज्य आगे आया था, कोई भी नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में अन्नाद्रमुक के 37 सांसद हैं और सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के अलावा यह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
स्टालिन ने दिया समर्थन का आश्वासन
उधर, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि डीएमके तेलुगूदेशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने राज्य की एआईएडीएमके सरकार से भी समर्थन देने का आग्रह किया। स्टालिन ने कहा कि वे २३ जुलाई को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे। सरकार की प्रस्तावित चेन्नई-सेलम ग्रीन-कॉरिडोर परियोजना पर उन्होंने कहा सुपरस्टार रजनीकांत द्वारा इस परियोजना का समर्थन किए जाने पर मुझे किसी प्रकार का आश्चर्य नहीं हुआ। स्टालिन ने कहा भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने चुनाव के समय किए गए वादों को चार साल के शासनकाल में पूरा नहीं कर जनता के साथ धोखा किया है। गौरतलब है कि हाल ही रजनीकांत ने इस मुद्दे का समर्थन करते हुए कहा था कि यह राज्य के विकास के लिए जरूरी है।