इससे पहले डेंगू नियंत्रण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए केंद्रीय दल के साथ बातचीत में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से २५६ करोड़ रुपए की मांग की। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के प्रोफेसर और टीम के एक अधिकारी आशुतोष विश्वास ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा डेंगू ेसे घबराने की जरूरत नहीं है। इस पर नियंत्रण करना सरकार का काम नहीं बल्कि जनता का काम है। ऐसे में सबको खुद की आदतें बदल कर सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे पहले केंद्रीय टीम ने तेनाम्पेट के डीएमएस कैंपस में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर, स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन सहित अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर डेंगू नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे उपायों की समीक्षा की। स्थिति का आकलन करने के बाद केंद्रीय टीम केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
बैठक के बाद विजयभास्कर ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए सरकार ने केंद्र से अन्य कुछ सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा अपने दो तीन दिन के दौरे में केंद्रीय टीम कुछ सरकारी अस्पतालों का दौरा कर वहां के मरीजों से बातचीत भी करेगी। अगर जरूरत पड़ी तो वे लोग कुछ दिन और रुक जाएंगे। टीम से सेलम, नामक्कल और कोयम्बत्तूर जैसे जिलों में जाने का भी आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से २५६ करोड़ जारी करने की मांग की है। आशा करता हूं जल्द से जल्द राशि का आवंटन किया जाएगा। इससे पहले ग्रेटर चेन्नई निगम ने २.५ लाख लोगों को अपने परिसरों में गंदगी फैलाने के आरोप में नोटिस भेजा है। संवाददाताओं से बातचीत में नागरिक निकाय के आयुक्त कार्तिकेयन ने कहा कि गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ पहली बार २, दूसरी बार ५ और तीसरी बार १० हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।
ऐसा कर के कार्पोरेशन का राजस्व बढ़ाने की कोशिश नहीं बल्कि लोगों को उनके परिसर को साफ रखने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। गौरतलब है कि गुरुवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर डेंगू के प्रकोप के बारे में उनको विस्तृत जानकारी दी थी। उसके बाद प्रधानमंत्री ने राज्य में केंद्रीय टीम के दौरे का आदेश दिया था।