तांजेडको की बिजली गणना विधि सही
चेन्नईPublished: Jul 15, 2020 08:54:24 pm
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा
No relief for domestic electricity consumers
चेन्नई. घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट से उनको कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने लॉकडाउन अवधि में तांजेडको की बिजली गणना को सही ठहराया है। तांजेडको ने मार्च से जून महीने का बिजली की गणना का आधार फरवरी महीने को बनाया था। उपभोक्ताओं का कहना कि पिछले महीने के आधार पर बिल की राशि की गणना करना गलत है जो वास्तविक बिजली उपभोग की गई वही ली जानी चाहिए। खंडपीठ के न्यायाधीश एमएम सुन्दरेश व न्यायाधीश आर. हेमलता ने एमएल रवि की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया।
पीठ ने 8 जुलाई को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा, लॉकडाउन के कारण लोग घरों में होने के कारण बिजली बिल अधिक आया। सामान्य तौर पर कोई कार्यस्थल पर छह से आठ घंटे बिताता है लेकिन अब पूरा समय घर पर ही बिता रहा है। इस कारण बिजली का उपभोग अधिक हो रहा है।
नियमों के अनुसार ही किया
याचिका में कहा कि तांजेडको वास्तविक खर्च हुई बिजली के बजाय पूर्ववर्ती बिल के आधार पर भुगतान को कह रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं को अधिक राशि देनी होगी। इससे अधिकांश घरेलू उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। अतिरिक्त महाधिवक्ता पी.एच. पांडियन ने कहा कि लॉकडाउन अवधि में वास्तविक उपभोग के आधार पर बिल तैयार नहीं किए गए हैं। तांजेडको को लॉकडाउन अवधि के बारे में खपत की जानकारी है। तमिलनाडु विद्युत नियामक आयोग से अनुमति के बाद ही बिल जनरेट किए गए हैं। यह सब नियमों के तहत ही हुआ है।