पहले लॉकडाउन को लागू करने के लिए लगाई गई निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी, जिसके कारण सरकार को डीएमके सहित विपक्षी दलों से आलोचना का सामना करना पड़ा था।
सरकार की ओर से केवल इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि स्वयंसेवकों और अन्य सेवा संगठनों को जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भोजन (खाना) जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
सरकार ने नहीं लगाया प्रतिबंध
सोमवार को जारी सरकारी कविज्ञप्ति के अनुसार सरकार ने कहा कि उसने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था। इसमें कहा गया है कि डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई नेताओं ने दावा किया था कि सरकार ने स्वयंसेवकों को गरीबों की मदद करने से प्रतिबंधित कर दिया है जो कि सच नहीं है।