मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से कहा कि चेन्नई में घनी आबादी होने की वजह से मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। महानगर में कम से कम 87 लाख लोग रहते हैं और पांच से छह फीट की संकरी स्ट्रीटें है और एक ही घर में सात से आठ लोग रहते हैं। इस प्रकार की परिस्थिति ही मरीजों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण बनी हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यक्ताओं पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी लोग कोविड 19 की गंभीरता को नहीं समझ पाए हैं। मैने भी यहां आते समय रास्ते में लोगों को बिना मास्क पहने ही घुमते देखा। लोगों को स्थिति को गंभीरता को समझते हुए अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद ही स्कूलें खोली जाएंगी। कोविड 19 के प्रसार में कमी आने के बाद ही स्कूलों को खोलने को लेकर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री का यह बयान उस वक्त सामने आया है जब सोशल मीडिया पर एक बार फिर से पूर्ण लॉकडाउन होने की कथित रिपोर्ट चल रही थी। साथ ही स्थानीय लोगों से सूखे राशन का स्टॉक करने का भी आग्रह किया जा रहा था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेश में यह दावा किया था कि ई पास जारी नहीं होंगे और अगले दस दिनों तक ट्रेन और उड़ानों के संचालन को रोक दिया जाएगा।
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यह संदेश सचिवालय से प्राप्त हुआ है और चेन्नई के लोगों के लिए लागू होगा। हालांकि एआईएडीएमके के सूत्रों ने ऐसी रिपोर्ट से इंकार कर कहा था कि एक बार फिर से आर्थिक रूप से लॉकडाउन संभव नहीं हो सकता है। वहीं गुरुवार को राज्य के मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार और स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर ने भी अफवाहों से इंकार कर कहा था कि विशेषज्ञ पैनलों के साथ बैठक करने के बाद ही मुख्यमंत्री लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेंगे।
-मुख्यमंत्री ने मेटूर बांध से पानी छोड़ा
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मेटूर बांध का स्लाइस खोलकर कावेरी के 3 हजार क्यूसेक पानी को स्टेनली जलाशय से बाहर निकालना शुरू किया। नौ साल के लंबे अंतराल के बाद मेटूर बांध से निर्धारित समय 12 जून को पानी छोड़ा गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री केए सेंगोट्टयन, बिजली मंत्री पी. तंगमणि, वी सरोजा और केसी करुप्पान्न समेत अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 90 दिनों तक पानी छोडऩे की प्रक्रिया जारी रहेगी। बांध खुलने के बाद शुरूआत में 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया और शाम तक दस हजार क्यूसेक किया गया। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में डेल्टाई क्षेत्रों की आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखते हुए पानी छोडऩे की मात्रा में और भी वृद्धि की जाएगी। मेटूर बांध से छोड़े जा रहे पानी की सहायता से 5.२२ लाख एकड़ भूमि पर सिंचाई होगी। उन्होंने किसानों से पानी का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया।