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सीएमबी के अलावा कोई भी निकाय नामंजूर : स्टालिन

locationचेन्नईPublished: Mar 25, 2018 07:07:23 pm

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P S VIJAY RAGHAVAN

देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम चाय की रेट सुनकर इतने हैरान हुए कि उन्होंने ऑर्डर ही रद्द कर दिया। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा है कि इतनी मंह

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स्टालिन ने प्रस्ताव पढ़ते हुए सम्मेलन को संबोधित किया कि कावेरी का पानी तमिलनाडु की जिन्दगी से जुड़ा सवाल है। पार्टी इस मसले पर लगातार संघर्ष करती आ रही है। कलैंजर जब राज्य के सीएम थे और वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कावेरी नदी जल पंचाट बनाया गया था। पंचाट के अंतरिम और अंतिम फैसले को हासिल करने के लिए डीएमके ने खूब प्रयास किया था। इस दौरान हमने पड़ोसी राज्यों के साथ अच्छे ताल्लुकात भी बनाए रखे और कावेरी बेसिन के किसानों को कावेरी का जल उपलब्ध कराया। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय में कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी नियामक समिति के गठन के निर्देश दिए है। आला अदालत के आदेश की अनदेखी कर राज्य के साथ सौतेला बर्ताव करते हुए केंद्र सरकार सीएमबी के गठन में आनाकानी कर रही है। तमिलनाडु में सत्ता काबिज एआईएडीएमके केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर सीएमबी का तत्काल गठन कराए। इस मसले पर राजनीतिक मतभेद को दूर रखते हुए डीएमके सत्तारूढ़ पार्टी को पूरा समर्थन दे रही है।
स्टालिन ने कहा कि आला अदालत के आदेश की पूरी तरह अनदेखी करते हुए केंद्र सरकार अब सीएमबी की जगह नौ सदस्यीय कावेरी पर्यवेक्षण आयोग के गठन पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव तमिलनाडु के नदी जल अधिकारों को पूरी तरह समाप्त कर देने की तरह है। कलैंजर जब सीएम थे और पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के समय जब कावेरी पर अंतिम फैसला नहीं आया था तब पीएम की अध्यक्षता में कावेरी नदी जल आयोग बना था। उस वक्त एआईएडीएमके की मुखिया स्व. जे. जयललिता ने इसे नाममात्र का बताकर मजाक बनाया था। डेल्टा क्षेत्र के किसान इसे अभी तक नहीं भूले हैं। अब केंद्र सरकार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में फायदा तलाशने के लिए सीएमबी की जगह कावेरी पर्यवेक्षण आयोग बनाने का जो जतन कर रही है वह निकाय पूरी तरह निर्जीव ही होगा। एआईएडीएमके को इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए सीएमबी के गठन पर अडिग रहना चाहिए। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ६ सप्ताह के भीतर सीएमबी के गठन के पूरे प्रयास करे। अगर सरकार अन्य मसलों की तरह कावेरी नदी पर भी राज्य के अधिकारों की बलि देगी तो डीएमके किसानों और श्रमजीवियों को एकत्र कर बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू कर देगी।
110 जोड़ों का सामूहिक विवाह
अधिवेशन स्थल पर सोमवार को राज्यभर के ११० जोड़ों का सामूहिक विवाह एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में होगा। इन जोड़ों को वैवाहिक सामग्री भी दी जाएगी।
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