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अब वाहनों में पेट्रोल डालते नजर आएंगे कैदी

locationचेन्नईPublished: Feb 10, 2019 06:08:26 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

तनाव कम करने एवं आय सृजन को लेकर जेल विभाग की पहल

Now the prisoners will be seen pouring petrol in vehicles

अब वाहनों में पेट्रोल डालते नजर आएंगे कैदी

चेन्नई. आने वाले समय में कैदी नई भूमिका में होंगे। कैदियों में तनाव को कम करने एवं आय अर्जन के मकसद को लेकर अब कैदी पेट्रोल पम्प पर वाहनों में पेट्रोल भरते नजर आएंगे। चेन्नई के साथ ही कई अन्य शहरों में भी पेट्रोल पंपों पर कैदी काम करेंगे। चेन्नई में पूझल केन्द्रीय कारागृह परिसर में पेट्रोल पंप खोला जा रहा है। तमिलनाडु जेल विभाग ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर यह पहल की है। जेल के कुछ कैदी इन पेट्रोल पम्पों को संभालेंगे। इसके लिए पहले इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कैदियों को मासिक 7 से 10 हजार रुपए मेहनताना दिया जाएगा। जेल विभाग ने पेट्रोल पम्प के निर्माण के लिए अपनी जमीन दी है। हैदराबाद समेत कुछ अन्य स्थानों पर पहले से ऐसे पेट्रोल पम्प हैं जहां कैदी ही वाहनों में पेट्रोल भरने का काम कर रहे हैं।

पिछले 10 साल में 14 सौ से अधिक कैदी रिहा किए गए जिनमें से केवल एक कैदी को छोड़ सभी ने रोजगार को ही चुना। कैदियों के व्यवहार एवं अन्य मानकों के आधार पर कैदियों की समय पूर्व रिहाई की जाती है। रिहा किए जाने वाले कैदियों के रोजगार का प्रबंध करने का प्रयास भी जेल प्रशासन करता है। कई कैदी जेल में ही उच्च डिग्रियां हासिल करते हैं और अपने व्यवहार में निरंतर सुधार लाने का प्रयास करते हैं।

अन्य कामों में भी बनाया जा रहा पारंगत

इसके साथ ही कैदियों को अन्य कामों में भी पारंगत बनाया जा रहा है। कभी अपराध के दलदल में फंस चुके कैदी अब हाईटेक किसान बन रहे हैं। तिरुचि जेल में खाली जमीन पर सब्जियों की पैदावार की जा रही है। साथ ही यहां कई फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। इन सब्जियों को बाजार में बेचा जाता है। व्यवहार के आधार पर तिरुचि जेल के ऐसे 70 कैदियों को इस काम में लगाया गया है। भिंडी, बैंगन, प्याज समेत अन्य सब्जियां उगाई जा रही है। पिछले दिनों पेरम्बलूर से बीज लाकर करीब आधा एकड़ में प्याज की खेती की गई है। पेरम्बलूर इलाके में प्याज बड़े पैमाने पर होता है। इन सब्जियों को जेल परिसर में बने जेल बाजार में बेचा जाता है। आम के कई पौधे यहां लगाए गए हैं। जेल की करीब 30 एकड़ जमीन पर सब्जियों एवं फलों की पैदावार की जा रही है। इसके साथ ही कई कैदी जूता पॉलिस इकाई में काम कर रहे हैं तो कई टेलरिंग एवं ***** मेकिंग इकाई में कार्यरत हैं। इसके जरिए राजस्व बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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