पिछले 10 साल में 14 सौ से अधिक कैदी रिहा किए गए जिनमें से केवल एक कैदी को छोड़ सभी ने रोजगार को ही चुना। कैदियों के व्यवहार एवं अन्य मानकों के आधार पर कैदियों की समय पूर्व रिहाई की जाती है। रिहा किए जाने वाले कैदियों के रोजगार का प्रबंध करने का प्रयास भी जेल प्रशासन करता है। कई कैदी जेल में ही उच्च डिग्रियां हासिल करते हैं और अपने व्यवहार में निरंतर सुधार लाने का प्रयास करते हैं।
अन्य कामों में भी बनाया जा रहा पारंगत
इसके साथ ही कैदियों को अन्य कामों में भी पारंगत बनाया जा रहा है। कभी अपराध के दलदल में फंस चुके कैदी अब हाईटेक किसान बन रहे हैं। तिरुचि जेल में खाली जमीन पर सब्जियों की पैदावार की जा रही है। साथ ही यहां कई फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। इन सब्जियों को बाजार में बेचा जाता है। व्यवहार के आधार पर तिरुचि जेल के ऐसे 70 कैदियों को इस काम में लगाया गया है। भिंडी, बैंगन, प्याज समेत अन्य सब्जियां उगाई जा रही है। पिछले दिनों पेरम्बलूर से बीज लाकर करीब आधा एकड़ में प्याज की खेती की गई है। पेरम्बलूर इलाके में प्याज बड़े पैमाने पर होता है। इन सब्जियों को जेल परिसर में बने जेल बाजार में बेचा जाता है। आम के कई पौधे यहां लगाए गए हैं। जेल की करीब 30 एकड़ जमीन पर सब्जियों एवं फलों की पैदावार की जा रही है। इसके साथ ही कई कैदी जूता पॉलिस इकाई में काम कर रहे हैं तो कई टेलरिंग एवं ***** मेकिंग इकाई में कार्यरत हैं। इसके जरिए राजस्व बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।