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अब राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए करूंगा संघर्ष

locationचेन्नईPublished: Jun 14, 2019 12:34:32 am

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल आज संघर्ष का पर्याय बन चुके हैं। इसी संघर्ष के बूते वे राजस्थान…

Now the struggle to get Rajasthan state special status

Now the struggle to get Rajasthan state special status

चेन्नई।राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल आज संघर्ष का पर्याय बन चुके हैं। इसी संघर्ष के बूते वे राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष बने। फिर तीन बार विधायक एवं अब सांसद बने हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर सांसद बनने तक के हनुमान बेनीवाल के सफर की दास्तां कम रोचक नहीं है। इस लम्बे सफर में उनके संघर्ष की लम्बी कहानी छिपी है। आज वे किसान नेता, जन हितैषी एवं युवा दिलों की धडक़न बनने के साथ ही एडीए के घटक दल के रूप में वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से राजस्थान पत्रिका से हुई विशेष बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष से अब सांसद बनने तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा?

जवाब: मैंने महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इसके बाद लगातार राजनीति के क्षेत्र में मजबूती के साथ डटा हुआ हूं। खींवसर से तीन बार विधायक रहा। पहली बार भाजपा के टिकट पर जीता। दूसरी बार निर्दलीय जीत हासिल की। तीसरी बार खुद की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाकर जीत हासिल की। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन विधासनभा चुनाव से ऐन पहले हुआ तथा राजस्थान विधानसभा चुनाव में 57 स्थानों पर उम्मीदवार उतारे। तीन स्थानों पर जीत मिली। 25 जगहों पर हमारे उम्मीदवार मजबूत स्थिति में रहे।

सवाल: राजस्थान विधानसभा में आपका कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों से छत्तीस का आंकड़ा रहा। विधानसभा का चुनाव राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अकेले लडा लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ आने की क्या वजह रही?

जवाब: जब लोकसभा चुनाव आए तो हमें यह निर्णय करना था किस तरफ जाएं। एक तरफ कांग्रेस थी जिसने देश को 70 साल तक धोखे में रखा। दूसरी तरफ भाजपा जिसने पांच साल में भारत की साख समूचे देश में बढ़ाई। पहले कांग्रेस हमारे दरवाजे पर आई। हमने हमारी शर्त रखी लेकिन सहमति नहीं बन सकी। फिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन पर भरोसा जताया। राजस्थान की 25 में से नागौर सीट से पार्टी जीती। शेष 24 सीटें भाजपा ने जीती।

सवाल: अब लोगों की आशाएं, अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। क्या रहेंगी प्राथमिकताएं?

जवाब: अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ी है। इस पर हम निश्चित रूप से खरे उतरेंगे। रोजगार हमारा सबसे बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी आज मुंह बाये खड़ी है। हमारी प्राथमिकता में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना भी होगा।

राजस्थान के कई जिले आदिवासी बहुल हैं तो राजस्थान का एक लम्बा क्षेत्र पाकिस्तान सीमा से लगता है जो रेगिस्तानी है। राजस्थान में कभी अकाल तो कभी बाढ़ के हालात रहते हैं। इन सारी स्थितियों को देखते हुए राजस्थान विशेष राज्य का दर्जा पाने का हकदार है। इसके लिए अब तक मजबूती से किसी ने पैरवी नहीं की जिसके चलते यह पीछे रह गया। हम प्रयास करेंगे किसान, जवान व छत्तीस कौम को वे सारी सुविधाएं दिल्ली की सरकार मुहैया करवाए। साथ ही सेन्ट्रल सर्विसेज के खाली पद भरने की मांग करेंगे।

सवाल: देश में मासूमों के साथ हो रही अमानवीय घटनाओं पर रोक के लिए आपकी ओर से क्या प्रयास रहेंगे?

जवाब: अबोध बच्चों के साथ हो रही वारदातों से दिल दहल जाता है। हर व्यक्ति बच्चों को लेकर चिंतिंत है। ऐसा कानून बनाया जाए कि ऐसे दरिदे ऐसी हरकत से पहले सौ बार सोचें। एक महीने के भीतर सजा का प्रावधान हो। ऐसे दरिंदों को फांसी मिले।

सवाल: आपकी पार्टी की अब एनडीए के घटक दल के रूप में कैसी भूमिका रहेगी?

जवाब: एनडीए एक परिवार है। घटक दल के रूप में मोदी के हाथ मजबूत करेंगे। समूचे देश में आंतरिक सुरक्षा मजबूत हो। सांप्रदायिक सौहार्द की भावना बनी रहे।

सवाल: नागौर की राजनीति में एक परिवार का खासा दबदबा रहा है। क्या अब आरएलपी के आने से यह परम्परा टूट गई है?

जवाब: नागौर की जनता ने एनडीए के घटक दल में भरोसा जताया। इसी की बदौलत नागौर में मिर्धाओं की एक विरासत मानी जाती थी जिसे उखाडक़र फेंक दिया।

सवाल: नागौर जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए आप क्या प्रयास करेंगे ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके?

जवाब: नागौर औजार नगरी के लिए जाना जाता है। यहां लाइम स्टोन के उद्योग प्रचुर मात्रा में हैं। संगमरमर की खानें भी हैं। नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। अन्य नए उद्योग भी विकसित करने के लिए पुरजोर प्रयास किया जाएगा ताकि युवाओं को रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों की तरफ रुख न करना पड़े।

सवाल: प्रवासी यदि राजस्थान में उद्योग स्थापित करना चाहें तो उनकी मदद के लिए आपकी ओर से क्या प्रयास रहेंगे?

जवाब: मैं समूचे राजस्थान की लड़ाई लडूंगा। किसी भी कोने से प्रवासी राजस्थान में उद्योग लगाना चाहेें तो ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि उन्हें उद्योग स्थापित करने के लिए दर-दर की ठोकरें न खानी पड़ें और सारी कागजी कार्रवाई एक ही छत के नीचे हो जाए।

जो भी प्रवासी अपनी जन्मभूमि में उद्योग स्थापित करने में रुचि दिखाएंगे, हनुमान बेनीवाल उनकी किसी भी तरह की मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहेगा।

सवाल: क्या आपके तेवर अब भी वैसे ही रहेंगे जैसे राजस्थान विधानसभा में दिखाते रहे हैं या फिर अब नरमी बरतेंगे?

जवाब: मेरी पहले भी सिद्धांतों की लड़ाई थी और अब भी अपने लोगों को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयास करता रहूंगा। मैंने जीरो से अपनी शुरुआत की। पिताजी विधायक रहे। मैं संघर्ष करके आगे बढ़ा। आमजन को न्याय दिलाने के लिए कभी पीछे नहीं हटूंगा। उनके लिए संघर्ष करता रहूंगा।

सवाल: ऐसी चर्चा है आपकी पार्टी भाजपा के साथ समाहित हो रही है?

जवाब: कभी नहीं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी राजस्थान में दो जगह होने वाले उप चुनाव खींवसर व मंडावा में अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। वर्ष 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारेगी।

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