scriptअफसरों की जमीन अवाप्त होगी तब किसानों का दर्द समझ आएगा | Officers will feel the panic when there lands would be taken over | Patrika News

अफसरों की जमीन अवाप्त होगी तब किसानों का दर्द समझ आएगा

locationचेन्नईPublished: Sep 11, 2018 07:12:58 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

– चेन्नई-सेलम ग्रीनफील्ड हाईवेहाईकोर्ट ने कहा

याचिका पर सुनवाई के वक्त याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए। उनका आरोप था विल्लुपुरम जिले के कलवरायन क्षेत्र में ५०० पेड़ काटे गए है।

चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि अगर अफसरों की जमीन अवाप्त की जाए तो उनको किसानों की व्यथा का आभास होगा। चेन्नई-सेलम ग्रीनफील्ड आठ लेन वाली हाईवे परियोजना को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह विचार व्यक्त किए।

याचिका पर सुनवाई के वक्त याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए। उनका आरोप था विल्लुपुरम जिले के कलवरायन क्षेत्र में ५०० पेड़ काटे गए है।


जज ने इस बारे में सरकारी अधिवक्ता से सवाल करते हुए चेताया कि पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो परियोजना पर रोक लगा दी जाएगी। किस वजह से पेड़ काटे गए इस बारे में विवरण पेश किया जाए।

कटाई को लेकर क्यों नहीं इस परियोजना पर स्टे लगा दिया जाए
न्यायालय ने पूछा कि जब भूमि के मापन का कार्य चल रहा है तो पेड़ काटने की क्या आवश्यकता पड़ गई? एक पेड़ काटने की अनुमति लेकर क्यों कई पेड़ काट दिए गए। अवैध तरीके से हुई इस कटाई को लेकर क्यों नहीं इस परियोजना पर स्टे लगा दिया जाए। अगर सरकारी अधिकारियों की जमीन इस तरह अवाप्त हो तब उनको किसानों का दर्द पता चलेगा। जज ने भूमि मापने और पेड़ों की कटाई को लेकर सरकार से विवरण मांगा है। साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर केंद्र सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। अगर सरकारी अधिकारियों की जमीन इस तरह अवाप्त हो तब उनको किसानों का दर्द पता चलेगा। जज ने भूमि मापने और पेड़ों की कटाई को लेकर सरकार से विवरण मांगा है। साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर केंद्र सरकार से जवाब पेश करने को कहा है।

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