कोविड व डेंगू की जुगलबंदी
चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर के कंसल्टेंट इंटेंसिविस्ट और इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डा. सौमित्रा सिन्हा रॉय ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के रिपॉर्ट में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के प्रति 50 में से 6-8 मरीज ऐसे है जिनका कोविड के साथ-साथ डेंगू का रिपॉर्ट पॉजिटिव आया है, डेंगू के चपेट में आए सभी मरीज कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है। डेंगू और कोरोना वायरस एक साथ होने की वजह से स्थिति काफी बिगड़ गई। यह स्थिति काफी चिंताजनक हो सकती है। इस समय ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के चलते संक्रमण अपने पूरे पीक पर है। अगर ऐसा चलता रहा तो दोनों बीमारी का एक साथ इलाज करने में दिक्कत आ सकती है।
बिना डॉक्टर की सलाह के न कराएं सीटी स्कैन
डा. सौमित्रा सिन्हा रॉय ने बताया कि कोरोना के डर से हल्का बुखार या अन्य परेशानी होने पर लोग सीटी स्कैन की तरफ दौडऩे लग रहे है, लेकिन यह घातक साबित हो सकता है। कुछ लोग बिना डॉक्टर के सलाह के सीटी स्कैन कराकर अस्पताल आ रहे है, सीटी स्कैन चिकित्सकों के परामर्श पर ही किया जाता है। वह भी जरूरी होने पर और ये सही भी है क्योंकि सीटी स्कैन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं कराना चाहिए। अगर संक्रमित के बहुत ज्यादा परेशानी होती है या फिर संक्रमण के स्तर का पता लगाना होता है तो ही सीटी स्कैन की सलाह जारी की जाती है, लेकिन ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे है।
गले में तेज दर्द ओमिक्रॉन के लक्षण
ओमिक्रॉन के मरीज में अधिकतर को गले में खराश के साथ तेज दर्द, दो-तदन तक बुखार,नाक बहना और थकावट की परेशानी है। कई मरीजों ने बताया है कि गले में दर्द और खराश के कारण कुछ निगलने में भी परेशानी हो रही है। गले में ऐसी दिक्कत उन्हें पहले कभी नहीं हुई है। डॉ. का कहना है कि ओमिक्रॉन के संक्रमितों को फेफड़ों से संबंधित कोई परेशानी नहीं हो रही है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में भर्ती करनी पड़ रही है।
इनका कहना है-
चेन्नई में कोविड मरीजों में 80-85 प्रतिशत मरीज ऐसे है जो नए वैरिएंट ओमिक्रॉन संक्रमण के चलते संक्रमित हुए है। ऐसे में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि कोविड के साथ साथ दूसरा खतरनाक बीमारी न घेर लें।
– डा. सौमित्रा सिन्हा रॉय, पल्मोनोलॉजिस्ट
एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई