सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो मई महीने में संक्रमण ५.३२ प्रतिशत से बढ़कर १६.७० तक पहुंच गया था। जून में इसने और गति पकड़ी अब करीब २५ प्रतिशत पर है। यानी अगर महानगर के चार लोगों का कोविड-१९ परीक्षण होता है तो एक पॉजिटिव निकलता है।
राष्ट्रीय महामारी संस्थान की उप निदेशक प्रभदीप कौर का कहना है कि जितनी ज्यादा टेस्टिंग होगी उतने पॉजिटिव केस सामने आएंगे। सही मायने में कम लोगों में ही संक्रमण फैलेगा और हम इसका प्रसार रोक सकेंगे। बड़ी संख्या में संक्रमण केवल २५ फीसदी गलियों से है। इन गलियों व संपर्क वालों पर टेस्टिंग करना इस प्रसार शृंखला को तोडऩे के लिए जरूरी है।
वायरोलॉजिस्ट डा. जैकब जॉन मानते हैं कि अधिक पॉजिटिव केस सामने आने का आशय यह है कि हमारी जांच सही दिशा में है। ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करना जरूरी है और वहां सामान्य परीक्षण के बजाय लक्षण के आधार पर भी कोरोना के मामले उठाए जा सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व चेन्नई महानगर के विशेष कोविड अधिकारी जे. राधाकृष्णन ने भी आम लोगों से आग्रह किया है कि वे बढ़ते मामलों से घबराएं नहीं। सरकार उपचार की सारी व्यवस्था कर रही है।
4 जोन में डायलिसीस सेंटर
चेन्नई कार्पोरेशन के आयुक्त जी. प्रकाश ने शुक्रवार को वलसरवाक्कम के शहरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र परिसर में नए डायलिसीस सेंटर की शुरुआत करने के बाद जानकारी दी कि कार्पोरेशन तिरुवत्तीयूर, इंजम्बाक्कम, अम्बत्तूर और तंडियारपेट जोन में भी ऐसे सेंटर खोलेगा। यहां आने वाले मरीजों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सेवाएं दी जाएंगी।