क्यों बेकाबू हुए दाम
फेडरेशन ऑफ हॉलसेल वेजीटेबल मार्केट एसोसिएशन के सचिव एस. चंद्रन ने बताया कि इस साल मॉनसून सीजन के दौरान कई राज्यों में बहुत ज्यादा बारिश हुई। इससे प्याज की फसल खराब हो गई। बारिश के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, और कुछ अन्य राज्यों में फसल को नुकसान पहुंचा।
पडोसी राज्य आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से प्याज की आवक प्रभावित होने से दाम में उछाल आई है। बारिश के कारण आवक प्रभावित होने से पिछले कुछ दिनों में कोयम्बेडु मार्केट में 225 टन प्याज कम पहुंचा। पिछले सप्ताह कोयम्बेडु मार्केट को हर रोज 775 टन प्याज की आपूर्ति होती थी, अब केवल 550 टन की आपूर्ति हो पा रही है। पडोसी जिलों के व्यापारी प्याज के लिए कोयम्बेडु सब्जी मार्केट पहुंच रहे है जिससे कीमतें प्रभावित हो रही है।
कोयम्बेडु सब्जी मार्केट के एक व्यापारी मुरुगेशन ने बताया कि प्याज के दाम पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रहा और जल्द राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। देश के प्रमुख शहरों में प्याज के दाम ऊंचे बने हुए हैं। चेन्नई में सोमवार को प्याज का औसत बिक्री मूल्य 70 रुपए किलो रहा। व्यापारियों का कहना है कि अभी कीमतों में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है।