ऑनलाइन कक्षाएं और टाइप किए असाइनमेंट से छात्रों की लिखावट पर असर पड़ा
चेन्नईPublished: Aug 02, 2021 10:20:47 pm
ऑनलाइन कक्षाएं और टाइप किए असाइनमेंट से छात्रों की लिखावट पर असर पड़ा
चेन्नई. वर्चुअल क्लासरूम मोड से छात्रो की लिखावट पर असर पड़ा है। शिक्षकों और अभिभावकों ने कहा कि कई छात्रों की लिखावट पहले से ही खराब थी और अब ऑनलाइन कक्षाएं लगने से लिखावट पर असर डाला है।
एक शिक्षक ने कहा कि तमिल में लेखन को आमतौर पर छात्रों द्वारा कठिन माना जाता है। अब कक्षाएं पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाने के बाद, छात्र होमवर्क की कमी के कारण लेखनी को भूल से गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि हम छात्रों को दोष नहीं दे सकते। केवल शारीरिक कक्षाओं में वापसी ही उनके लेखन कौशल में सुधार कर पाएगी। सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने छात्रों की लिखावट की घटती गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
राज्य भर में कई शिक्षक शिकायत कर रहे हैं कि प्राथमिक स्तर के अधिकांश छात्र तमिल और अंग्रेजी दोनों में पत्रों को भी भूल गए हैं। सरकार को शिक्षकों को सप्ताह में कम से कम एक बार हस्तलेखन गृहकार्य देने के लिए बच्चों के घर तक जाने का निर्देश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन कुछ और समय के लिए बढ़ाया जाता है, तो स्कूलों के फिर से खुलने पर लिखावट में सुधार के लिए अलग समय दिया जाना चाहिए।
लिखावट का काम भी दें
शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान भी लिखावट का काम दे रहे है। लेकिन इससे बहुत मदद नहीं मिली है। आमतौर पर, प्रत्येक छात्र विषयों के अनुसार लगभग 10 नोटबुक का उपयोग करता है। हालांकि स्कूल बंद होने और आभासी कक्षाओं में शिफ्ट होने के बाद, वे शायद ही एक या दो का उपयोग करते हैं।
ऑनलाइन शिक्षण पद्धति को बदलने की जरूरत
कई शिक्षको का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षण पद्धति को बदलना होगा। शिक्षकों को कम से कम 60 प्रतिशत ऑनलाइन कक्षाओं को लेखन सत्र के रूप में बनाना चाहिए। जिन सरकारी स्कूल के छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं नहीं हैं, उन्हें फोन पर लिखावट का काम दिया जाना चाहिए। इन महीनों में लेखन कौशल में बड़ी गिरावट आई है। शिक्षकों को अलग सत्र सुनिश्चित करना चाहिए जहां छात्रों ने नोट्स लिखे।