बंद करने के बावजूद सक्रिय है गिरोह
डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने जनता को नए प्रकार के जालसाजी से अवगत होने की सलाह दी है जो ऑनलाइन क्रेडिट एप्लिकेशन के माध्यम से आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोन ऐप पर कार्रवाई कर हटाया जाता है लेकिन वे नाम बदलकर दोबारा आ जाते है। कई शिकायतें मिली हैं कि ऑनलाइन आवेदन, जो व्यक्तिगत आईडी, पैन नम्बर और ईमेल विवरण प्राप्त करते हैं, ग्राहक के फोन पर अवैध रूप से जानकारी डाउनलोड कर रहे हैं, कम ब्याज दरों पर तत्काल ऋण देने का दावा कर रहे हैं। कई शिकायतें हैं कि इन विवरणों का उपयोग करके ग्राहकों से जबरन वसूली की जा रही है।उन्होंने कहा कि वे बैंकों के नाम से भेजे गए फर्जी क्रेडिट लिंक से बचें और व्यक्तिगत जानकारी, जैसे ओटीपी, टेक्स्ट मैसेज और फोन कॉल जैसे गोपनीय नम्बर साझा न करें।
आपके खिलाफ इस्तेमाल होता है ऐप
इनके तीन सबसे बड़े हथियार होते हैं- आपका कॉन्टैक्ट, आपके मैसेज और आपकी फोटो गैलरी। महज 2 मिनट में पैसा देने का दावा तो करते हैं, लेकिन उसके बाद रिकवरी के लिए आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर इतना प्रताडि़त करते हैं कि लोग फांसी का फंदा गले से लगा लेते हैं। इन्हें इस बात का यकीन होता है कि ये आपकी सारी जानकारी हासिल कर आपको इतना बदनाम करेंगे कि आप इन पर लाखों रुपए लुटा देंगे।