एक प्रश्न के जवाब में स्टालिन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर उनकी ओर से किसी ने वार्ता नहीं की है। मैंने भी उनसे बात नहीं की है। मेरे और स्टालिन के बीच केवल ‘राजनीतिÓ ही समस्या है। परिवार में और कोई विवाद नहीं है। अझगिरी ने चेतावनी दी कि अगर पार्टी में शामिल नहीं किया जाता है तो राज्यभर में उनके समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं से भेंट कर भावी रणनीति तय करेंगे। साथ ही डीएमके आलाकमान से यह सवाल किया कि इस शांति रैली में शामिल कार्यकर्ताओं को क्या पार्टी से बेदखल किया जाएगा? अझगिरी ने रैली में शामिल होने से पहले कहा अगर डीएमके उन्हें वापस लेती है तो वे स्टालिन को अपना नेता मानकर उनके नेतृत्व में काम करेंगे। मरीना बीच पर जुटी समर्थकों की भीड़ ने डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन को अझगिरी की ताकत दिखाने का प्रयास किया है।
भाई को कहा, दिखाऊंगा अपनी ताकत
पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के निधन के बाद से ही पार्टी में उठापटक शुरू हो गई थी। अझगिरी ने धमकी दी थी कि अगर उनको फिर से पार्टी में शामिल नहीं किया गया तो पार्टी को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। कुछ दिन पहले अझगिरी ने कहा था कि ऐसा नहीं है पार्टी कार्यकर्ता उनको महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं देखना चाहते, उनको भी कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल है और समय आने पर वे अपनी ताकत दिखा देंगे।