यह दक्षिण भारत के खतरनाक सड़क मार्गों में से एक है बस भी पुरानी थी इंजन कमजोर था। इसके बाद भी सवारियों को ठंूस लिया गया।चढ़ाई पर बस हांफने लगी। पूरी यात्रा के दौरान लोग सहमे हुए से बैठे रहे।एक महिला यात्री ने बताया कि करीब चार घंटे में बस ऊटी पहुंची। तब जा कर लोगों को चैन मिला। यातायात विभाग का मानना है कि यह रोड अधिकतम 20 टन वाले वाहन के लिए बनाया गया है। अधिक भार होने पर सड़क को तो नुकसान पहुंचता ही है। हादसे की आशंका भी रहती है। उन्होंने बताया कि यह दक्षिण भारत के खतरनाक सड़क मार्गों में से एक है। यहां किसी तरह की लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है।इस सड़क को चौड़ा करने के लिए बजट मिल चुका है। फिलहाल समर सीजन है। जल्द ही काम शुरु किया जाएगा। छिटपुट काम चल रहा है।करीब चार माह में सड़क को चौड़ा करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान मेट्टूपालयम -ऊटी के बीच यातायात रोकना भी पड़ सकता है। वैसे ऊटी के लिए कोथगिरी हो कर रास्ता उपलब्ध रहेगा।