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ओपीएस की बढ़ सकती है दुविधा

locationचेन्नईPublished: Jul 18, 2018 10:15:29 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

क्यों नहीं दिए जाए सीबीआइ जांच के आदेश? : मद्रास उच्च न्यायालय

OPS may face more Dilemma

ओपीएस की बढ़ सकती है दुविधा

चेन्नई. उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने ओपीएस और उनके परिजनों पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के लगे आरोपों की जांच पर सवाल किया है कि क्यों नहीं जांच सीबीआइ से कराई जाए।
डीएमके के संगठन सचिव आर. एस. भारती की इस संबंध में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जी. जयचंद्रन ने सरकार से उक्त सवाल किया।

जज ने सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधी निदेशालय (डीवीएसी) से पूछा कि ओपीएस व उनके परिजनों के खिलाफ तीन महीने पहले शिकायत दी जाने के बाद भी अब क्यों जांच शुरू नहीं की गई। इस बारे में डीवीएसी से २३ जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है।
याची भारती ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उनके परिजनों ने आय से अधिक सम्पत्ति जुटाई है। मार्च २०१८ में डीवीएसी से वे इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
न्यायालय ने डीवीएसी को मुकदमा दर्ज कने और पन्नीरसेल्वम की सम्पत्तियों की जांच करने के निर्देश भी दिए। याची ने यह भी कहा कि रेत माफिया जे. शेखर रेड्डी के घर से आयकर विभाग द्वारा बरामद डायरी में ओपीएस का नाम था। इस पर राज्य के लोक अधिवक्ता सी. एमिलियास ने कहा कि फिलहाल वह डायरी सीबीआइ के कब्जे मेें है। तत्काल जज ने कहा तब तो इस मौजूदा शिकायत की जांच सीबीआइ द्वारा की जा सकती है। साथ ही याची से कहा कि वे संबंधित दस्तावेज सीबीआइ के लोक अभियोजक को उपलब्ध कराएं।याची के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन. आर. इलंगो ने जज का निर्देश स्वीकार कर लिया। इसके बाद न्यायालय ने सुनवाई २३ जुलाई के लिए टाल दी।
आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मामला
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