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दिल्ली समेत तीन राज्यों पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए दबाव बनाने की जरूरत: ओपीएस

locationचेन्नईPublished: Oct 17, 2021 06:03:57 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

एआईएडीएमके समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम ने राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से अपने कैबिनेट सदस्यों को

दिल्ली समेत तीन राज्यों पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए दबाव बनाने की जरूरत: ओपीएस

दिल्ली समेत तीन राज्यों पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए दबाव बनाने की जरूरत: ओपीएस


-प्रतिनिधियों को भेजकर करें आग्रह
ेचेन्नई. एआईएडीएमके समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम ने राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से अपने कैबिनेट सदस्यों को नई दिल्ली, हरियाणा और ओडिशा भेज कर अपने समकक्षों को दीपावली त्योहार से पहले पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए मनाने का आग्रह किया। पूरे देश में दीपावली को मनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन ओडिशा, हरियाणा और दिल्ली द्वारा पटाखों की ब्रिकी पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध की वजह से तमिलनाडु के पटाखा निर्माण इकाईयों के व्यावसायिक अवसर चकनाचूर हो रहे हैं।

 

स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को या तो उनसे फोन पर बात करनी चाहिए या मंत्रियों को समझाने के लिए भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शिवकाशी में सिर्फ हरे पटाखों का ही निर्माण होता है। पहले राजस्थान में भी यह प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब राजस्थान ने प्रतिबंध को हटा दिया है।

 

अन्य राज्यों को भी प्रतिबंध हटाने के लिए आग्रह करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पटाखा निर्माण उद्योग में सक्रिय करीब आठ लाख कामगारों की दुहाई देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राजस्थान सहित चार राज्यों से आग्रह किया था कि वे आतिशबाजी की बिक्री पर लगाई पाबंदी पर फिर विचार करें। स्टालिन ने राजस्थान, दिल्ली, ओडिशा और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को इस सिलसिले में पत्र लिखा था।

 


मुख्यमंत्री ने चिंता जताई थी कि अन्य राज्यों ने भी इस तरह का बंद घोषित किया तो पटाखा इंडस्ट्री पर ताला लग जाएगा और 8 लाख लोगों की रोजी छिन जाएगी। आपको यह पता होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने की परम्परा रही है। ऐसे में पर्यावरण, आजीविका और लोक स्वास्थ्य के बीच साम्य वाली नीति को अपनाया जाना चाहिए। उनका आग्रह है कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक के निर्णय पर फिर से विचार किया जाए। जिसके बाद राजस्थान ने प्रतिबंध को हटा दिया।

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