उनका कहना है कि भाजपा ने यह राशि एक हजार के नोटों के रूप में जमा कराई है। इस तरह पार्टी का खास मकसद खुद को फायदा तथा अन्य पार्टियों को नुकसान पहुंचाना था।
भूषण की इस पोस्ट के बाद कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एक यूजर देविका पूछती हैं – तय समय के बाद भी जब नोट जमा कराने की कोई सीमा नहीं है तो इसमें क्या गलत है?
वहीं एक अन्य यूजर का कहना है कि इस फैसले से सरकार ने अपनों को फायदा पहुंचाया है। इसी प्रकार एक यूजर लिखते हैं- जब नियमों के अनुसार उन पर 200 फीसदी जुर्माना लगेगा तो आप क्यों परेशान हैं? आप को तो खुश होना चाहिए।