घटना को अंजाम देने के लिए उपयोग हुए कार की दूसरी मालिक सुरेश की पत्नी हैं। उन्होंने कहा कि वे कोयम्बेडु निवासी गणेश पांडियन, जो पेशे से एक व्यापारी और फाइनेंसर है, को वर्ष 2017 में लीज पर अपनी कार दी थी। एक साल तक किसी प्रकार की समस्या नहीं आई। उसके बाद उसके कार्यालय में कुछ समस्या हुई तो 2019 से वे लापता हो गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए मैने कार वापस देने के लिए कई बार उसको कॉल किया, लेकिन उसने नहीं दिया और अपना नंबर भी बदल दिया। जिसके बाद मैने कोयम्बेडु पुलिस में मामले की शिकायत की लेकिन कुछ हल नहीं निकला। उसके बाद से मुझे मेरे कार के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है।
सुरेश कुमार ने बताया कुछ समय के बाद मेरी गणेश से फोन पर बात हुई तो उससे कार के बारे में पूछा। जिसके बाद उसने बताया कि श्रीधर उसका करीबी दोस्त है और उसने श्रीधर की सहायता के लिए कार दी है। उसके बाद एक बार फिर से गणेश गायब हो गया और यहां अपना कार लेने के लिए आया हूं। सीबी सीआईडी ने क्या सवाल किया पर सुरेश ने बताया कि डीएसपी अनिल कुमार और इंस्पेक्टर ने लगभग 40 मिनट तक मुझसे सवाल कर मूल आरसी बुक और इंसोरेंस पेपर की जांच की।
इसके अलावा मैने अपनी पत्नी का आधार कार्ड भी दिखाया। साथ ही गगैकोड़म पुलिस स्टेशन में रखे गए मेरे कार को लेने को कहा गया। ऐसी जानकारी मिली है कि गणेश पांडियन तिरुनेलवेली में है और पूछताछ के लिए उसे भी पकडऩे की उम्मीद है। इसके अलावा सीबी सीआईडी टीम द्वारा जल्द ही कोर्ट में कस्टडी याचिका दायर कर मामले में गिरफ्तार पांचों पुलिसकर्मियों की कस्टडी की मांग की जाएगी। इसी बीच पत्रकारों से बातचीत में सीबीसीआईडी पुलिस महानिरीक्षक के. शंकर ने बताया कि विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है।