यही कारण है कि यात्रियों को बस टर्मिनस में गर्मी में यूं ही धूप में खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले इस टर्मिनस में जलजमाव के कारण बसों का संचालन इस टर्मिनस के बाहर सडक़ से ही कराना पड़ता था, जिसके कारण माउंट पूंदमल्ली बस टर्मिनस जाम का शिकार हो जाता था, लेकिन यहां के स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस बावत गुहार लगाई जिससे टर्मिनस में मिट्टी भराई एवं सिमेंटीकरण करवा दिया। इसके बाद टर्मिनस में जलभराव जैसी समस्या नहीं है लेकिन भारी बारिश होते ही यह पानी-पानी हो जाता है।
पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं
अयप्पनतांगल बस टर्मिनस में यात्रियों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार द्वारा विक्रित किया जाने वाले अम्मा वाटर की स्टॉल इस टर्मिनस मे नहीं है ऐसे में यात्रियों को पीने का पानी आसपास की दुकानों से मुंहमांगी रेट देकर खरीदना पड़ता है, लेकिन वह भी पीने लायक नहीं रहता। दुकानों पर पानी की बोतल महंगी होने के कारण यात्रियों को पानी के पाउच खरीदने की विवशता है। यात्रियों की मांग है कि इस टर्मिनस में भी अम्मा वाटर की स्टॉल लगाई जानी चाहिए ताकि यात्री सस्ता पानी खरीदकर प्यास बुझा सकें।
यात्रियों की जुबानी…
बैठने की व्यवस्था हो
यहां से कोयम्बेडु जाने के लिए बसें बहुत कम हैं, इस कारण दो घंटे तक इंतजार करने के बाद ही बस मिल पाती है। कॉर्पोरेशन को यहां यात्रियों के बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे यात्रियों को परेशानीयों का सामना न करना पड़े।बी.सुमित्रा, अयप्पनतांगल
्रअम्मा वाटर की स्टॉल लगे
अम्मा वाटर की स्टॉल कई मुख्य बस टर्मिनसों में लगाई गई है लेकिन अयप्पनतांगल बस टर्मिनस में अब तक अम्मा वाटर की स्टॉल नहीं लगाई गई, जबकि यहां से प्रतिदिन हजारों यात्री आवाजाही करते हैं। एल.षणमुगसुंदरम, नियमित यात्री, पोरुर
विष्णुदेव मंडल