वार्ड में घूम रहे पांच कुत्ते अचानक पुनीता के बिस्तर के पास पहुंचे और उसे काटने लगे। बच्ची दर्द के मारे जोर से चीखी। इतने में अभिभावकों व अन्य मरीजों ने शोरकर इन कुत्तों की चपेट से बच्ची को बचाया।
सूत्रों ने बताया कि कुत्तों के हमले से बच्ची के शरीर पर छह जगह घाव बने हैं। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन का रवैया लापरवाहीपूर्ण ही रहा।
यह देख जब अस्पताल में भर्ती मरीजों ने प्रदर्शन करने की सोची तो प्रशासन हरकत में आया और घायल बच्ची को संभाला। बच्ची खतरे से बाहर बताई गई है।
अस्पताल सूत्रों का आरोप है कि परिसर में ३० से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं। पंचायत समिति को इन कुत्तों को पकडऩे के लिए कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।