मुख्यमंत्री एमके स्टलिन रविवार को शाम 4 बजे मरीना बीच में स्थायी रैंप का उद्घाटन करेंगे। मरीना बीच पर इस रैंप की मांग पिछले दस वर्षों से कई कार्यकर्ता कर रहे थे। निगम के मुताबिक बबूल, लाल मरांठी और ब्राजील की लकड़ी से बना रैंप 263 मीटर लंबा और तीन मीटर चौड़ा है। हैंड्रिल्स को पूरी तरह से रखा गया है और यह वरिष्ठ नागरिकों को पकडऩे में मदद करेगा।
इसके अलावा, हर 10 मीटर पर पहुंच बिंदु प्रदान किए जाते हैं ताकि लोग आसानी से प्रवेश कर सकें और बाहर निकल सकें। मरीना बीच में लकड़ी का यह स्थायी रैंप शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, जो सतुद्र तट के पास से समुद्री हवा और लहरों का आनंद लेना चाहते हैं।
मरीना बीच पर अस्थायी रैंप 2016 से स्थापित किए गए, जिसके बाद स्थायी रैंप की मांग की गई। शुरुआत में गांधी प्रतिमा के पास रैंप बनाने की योजना बनाई गई थी, इसे क्षेत्र में मेट्रो रेल कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए स्थानांतरित किया गया था। रैंप के लिए निगम जियोसिंथेटिक सामग्री का उपयोग करने पर विचार कर रहा था क्योंकि यह बारिश से क्षतिग्रस्त नहीं होगा लेकिन, कार्यकर्ताओं ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के लिए लकड़ी के रैंप आसान हैं।
कार्यकर्ताओं ने यह भी चिंता जताई कि सहायता बूथ और सुलभ शौचालय सहित विकलांग व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुविधा भी अभी तक तैयार नहीं है और अधिकारियों से इन मुद्दों को जल्द हल करने का आग्रह किया।