देश भर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न उपाय कर रही हैं। अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में लोगों की रोजी-रोटी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
17 जून, 2017 को एक महत्चपूर्ण फैसले के तहत केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को समायोजित करने की अनुमति दे दी थी। इस वजह से अब प्रतिदिन जनता को झटका लग रहा है।
देश में इंडियन ऑयल और भारत व हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां दैनिक आधार पर ईंधन की कीमत निर्धारित करती हैं। इसी के मुताबिक प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल-डीजल नए भाव पर बिक रहे हैं। अचानक आया उछाला पेट्रोल और डीजल सहित ईंधन की कीमतें, जो पिछले मई में चरम पर थीं, पिछले कुछ दिनों से नीचे थी ने शनिवार को उछाल मारा।
दिंडीगुल जिले के कोडैकेनाल में शनिवार को पेट्रोल 100.04 रुपये प्रति लीटर, स्पीड पेट्रोल 102.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 93.92 रुपये प्रति लीटर बिका। जिससे लोगों के होश उड़ गए। चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 97.43 रुपये और एक लीटर डीजल की कीमत 91.64 रुपये रही।
चिंता का सबब
तमिलनाडु में पहली बार पेट्रोल 100 रुपये के पार जाने से वाहन चालक, व्यापारी और लोग काफी चिंतित हैं। जैसा कि कोरोना महामारी के सामान्य प्रकोप में लोग अपनी आजीविका खो देते हैं, सभी दलों को चिंता है कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस सिलेंडर की बढ़ती लागत परोक्ष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाएगी।