आने वाले दिनों में यदि पेट्रोल पंप पर कैदी पेट्रोल भरते दिखाई दे तो चौकिएगा नहीं।
चेन्नई. जेलों में सुधार एवं पुनर्वास को बढ़ावा देने की पहल के तहत पेट्रोल पंपों के संचालन की जिम्मेदारी कैदियों के हाथ में रहेगी। अच्छे आचरण वाले कैदियों को इस काम में लगाया जाएगा तथा उन्हें 7 से 10 हजार तक की मासिक राशि मिलेगी। इन पेट्रोल पंपों पर डिजीटल भुगतान भी किया जा सकेगा। इंडियन आयल कार्पोरशन (आईओएल) के सहयोग से दो चरणों में आउटलेट स्थापित किए जाएंगे। ये वेलूर के केन्द्रीय कारागृह, कोयम्बत्तूर, पलयमकोट्टै, केन्द्रीय कारागृह-1, पूझल, बोस्र्टल स्कूल, पुदुकोट्टै में अगले तीन महीने में खोले जाएंगे। बाद में छह अन्य स्थानों पर आउटलेट खोले जाएंगे जिसमें अम्बत्तूर रोड पर पूझल स्थित केन्द्रीय कारागृह, सेलम, तिरुति में एयरपोर्ट रोड, तिरुचि गांधी मार्केट, मदुरै एवं कोयम्बत्तुर में भारतीयर रोड पर खोले जाएंगे। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेल विभाग का मुख्य उद्देश्य कैदियों में सुधार करना एवं उनका पुनर्वास है। कैदियों के सुधार को लेकर जेल विभाग ने कई कदम उठाए हैं। कैदी कई औद्योगिक गतिविधियों में लगे हुए हैं। इससे वे
रोजगार हासिल कर सकें तथा मुख्य धारा से जुड़ सकें।
आईओसी ने पहले चरण में पांच खुदरा आउटलेट के लिए 1.36 करोड़ रुपए तथा दूसरे चरण में छह आउटलेट के लिए 1.64 करोड़ रुपए बिना ब्याज के अग्रिम भुगतान के लिए सहमति दी है। इसमें शामिल होने वालों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्रीय जेल परिसर की सीमाओं में जेल बाजार का संचालन किया जा रहा है। इनमें कैदियों की ओर से बनाई बेकरी, साबुन, नोटबुक, पेंटिंग ेआदि की बिक्री की जाती है।