इस वर्ष 46 मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करने की योजना
चेन्नईPublished: Feb 08, 2019 12:02:59 pm
-दक्षिण रेलवे ने बनाई
चेन्नई. दक्षिण रेलवे ने 30 सितम्बर तक जोन के सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया है। इसके बाद नेटवर्क में अब कोई मानवरहित लेवल क्रॉसिंग नहीं है। अब जोन ने मैन्ड लेवल क्रॉसिंग को भी समाप्त करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए आरओबी, आरयूबी तथा सब-वे मुहैया करा रहा है। अब तक इस साल 28 मैन्ड लेवल क्रॉसिंग को समाप्त किया गया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अन्य 38 सब-वे तथा 8 आरओबी बनाने की योजना है। इस प्रकार कुल 46 मैन्ड लेवल क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा। केवल पिछले तीन सालों में ही 103 आरओबी-आरयूबी तथा 348 सब-वे दक्षिण रेलवे ने पूरा किया है। 70 एलसी गेट्स को इन्टरलाक किया गया है। 14 स्टेशनों पर एडवांस्ड इलेक्ट्रोनिक इन्टरलॉकिंग शुरू किया गया है जिसमें पट्टाभिराम में केंद्रीकृत केबिन भी शामिल है। छह सेक्शन में स्पीड को बढ़ाया गया है तथा 5 अन्य में सेक्शनल स्पीड बढ़ाने की योजना है। 4 और ट्रैक मशीन को शामिल किया गया है। अब कुल 62 मशीन के जरिए 316 किलोमीटर ट्रैक की गहन जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि दक्षिण रेलवे की (वर्ष 2018-19) पिछले साल के दिसम्बर तक की सकल आय 6150 करोड़ रुपए रही जो पिछले साल की तुलना में 9.35 प्रतिशत अधिक है। ईसी क्रम में माल भाड़े से 2292 करोड़ की कमाई हुई जो बोर्ड के लक्ष्य 1967 करोड़ से 16.52 प्रतिशत अधिक है। जोन ने देश भर के विभिन्न गंतव्य के लिए 27.10 मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के सामानों की लदाई की जो पिछले साल से 30 प्रतिशत अधिक है। इसके लिए 24.15 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। दक्षिण रेलवे की यात्रियों से होने वाली कमाई 3331 करोड़ रुपए रही जो पिछले साल के 3183.9 करोड़ से 4.6 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2018-19 के दौरान दिसम्बर तक 630.66 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की। यह पिछले साल के 604.16 मिलियन से 4.4 प्रतिशत अधिक है। यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए पिछले चार सालों में 54 ट्रेनों को शुरू किया गया। वर्तमान वर्ष में 8 नई ट्रेनों को शुरू किया गया जिसमें तीन हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन, उदय एक्सप्रेस, दो अन्त्योदय एक्सप्रेस तथा दो अन्य ट्रेन संतरागाछी-चेन्नई सेंट्रल एक्सप्रेस तथा कोचुवेली बानसवाडी एक्सप्रेस शामिल हैं। आठ अन्य ट्रेनों का विस्तार किया गया ताकि यात्री लाभान्वित हो सके।
रेल अधिकारियों के अनुसार स्टेशन विकास कार्य के तहत 109.55 करोड़ रुपए की लागत से चेन्नई एगमोर, मदुरै, सेलम, पालक्काड, कोट्टायम तथा तिरुचिरापल्ली का विकास किया जा रहा है। यात्रा आरामदायक बनाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में अनुभूति एवं स्वर्ण कोच जोड़ा गया है। हाल ही में उत्कृष्ट योजना के तहत रिफरबिश्ड कोच दो ट्रेनों में शामिल किया गया है। इसके साथ ही एलएचबी (लिन्के हाफमैन बस्चे) कोचों में अतिरिक्त सुरक्षा विशेषता को देखते हुए उन्हें इस जोन में चलने वाली 12 ट्रेनों में लगाया गया है। अधिक संख्या में यात्री ट्रेनों, माल गाड़ी, विशेष ट्रेन चलाने के बाद भी ट्रेनों का परिचालन समय पर किया गया है। 80 प्रतिशत से अधिक समय की पालना हुई। दक्षिण रेलवे धनुषकोडि के खोए हुए गौरव का पुन: हासिल कराने के लिए 17.20 किलोमीटर के लाइन को फिर से बनाया जा रहा है। यह रेललाइन धनुषकोडि से रामेश्वरम के बीच होगी। इस पर 208 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही 2.5 किलोमीटर के नए पम्बन ब्रिज को 250 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।