हालांकि महानगर के कई हिस्सों में छोटे व्यवसायियों ने प्लास्टिक की थैलियों और कप आदि का उपयोग कई दिन पहले ही बंद कर दिया था। मांसाहार बेचने वाले दुकानदार भी अभी तक प्लास्टिक बैग का उपयोग करते नजर आए। पत्रिका ने महानगर में करीब दो दर्जन से भी अधिक मांसाहार की दुकानों पर पड़ताल की तो पता चला सभी दुकानों पर प्लास्टिक की काली थैलियों का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
एक मांसाहार विक्रेता अफसर बाशा ने बताया कि मांसाहार को लोग प्लास्टिक की थैली में ही ले जाना पसंद करते हैं ताकि किसी को दिखाई न दे सके। यदि मीट सफेद थैली या खुले बर्तन में ले जाया जाएगा तो कुत्तों से बचाकर ले जाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सरकार को मांसाहार विक्रेताओं को इस मामले में छूट देनी चाहिए।
प्लास्टिक प्रतिबंध का ज्यादा असर होटलों पर
सरकार के आदेशानुसार मंगलवार से प्लास्टिक पर प्रतिबंध तो लग गया। प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध का ज्यादा असर सब्जी विक्रेता और होटलों पर दिख रहा है। कुछ सब्जी विक्रेता और होटल वालों ने वैकल्पिक व्यवस्था केरूप में कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
लेकिन इसके लिए कुछ होटल मालिकों द्वारा ग्राहकों से अतिरिक्त पैसे भी लिए जा रहे हैं। एगमोर स्थित संगीता होटल के कर्मचारियों ने बताया कि अगर कोई ग्राहक पार्सल लेने के लिए आता है तो उसे वैकल्पिक थैली में पार्सल दिया जाएगा और उसके लिए अतिरिक्त पैसे भी लिए जाएंगे। अभी तक प्लास्टिक की थैलियों में ही पार्सल दिया जा रहा है लेकिन बुधवार से वैकल्पिक थैली में दिए जाएंगे। उसके लिए अतिरिक्त पैसे निर्धारित किए जाएंगे। वेलिंगटन एस्टेट में स्थित करमा ग्रीन्स नामक मार्केट के कर्मचारियों ने बताया कि उनके यहां ग्राहकों को कपड़े के झोले देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हालांकि ग्राहकों को झोला वापस देना होगा, या फिर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। जो लोग साथ में कपड़े के थैले लेकर आएंगे उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। कुछ छोटे होटलों में जहां पहले प्लास्टिक का उपयोग किया जाता था, अब केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ होटलों में पार्सल के लिए कपड़े के झोले दिए जाएंगे जिसके लिए ३ रुपए निर्धारित किए गए हैं। हालांकि कुछ होटल ऐसे भी हैं जहां पर कपड़े की थैले दिए जा रहे हैं, लेकिन किसी प्रकार का अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जा रहा। उनका कहना है कि अगर अचानक से ग्राहकों को चार्ज करेंगे तो ग्राहक टूटने का डर है। इसलिए धीरे-धीरे चार्ज लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।