यहां उल्लेखनीय है कि प्लास्टिक उत्पाद पर प्रतिबंध लगने के बाद जहां तीन महीने में ३११ टन प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त हुआ था वहीं साल के अंतिम दो महीने में महज ५ टन प्लास्टिक जब्त हुआ है जो यह साबित करता है कि गे्रटर चेन्नई कॉर्पोरेशन राज्य से प्लास्टिक मुक्ति नहीं चाहता। ज्ञातव्य है कि प्लास्टिक प्रतिबंधित करने के बाद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने शुरुआती तीन महीने में छापेमारी के दौरान ८८.९७ लाख रुपए का जुर्माना वसूला था जबकि विगत नौ महीने में महज तीन लाख की राशि जुर्माना वसूली गई हैं।
प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल पहले की तुलना में और भी अधिक बढ़ गया है। पहले जो प्लास्टिक का इस्तेमाल चोरी छिपे किया जाता था अब वह खुल्लमखुल्ला हो रहा है। सब्जी मार्केट, फल मार्केट, होटल और प्रोविजन स्टोर सभी जगह प्लास्टिक पॉलीथिन का उपयोग जमकर किया जा रहा है, इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह मौन हैं।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार विगत शनिवार को ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने बीते शनिवार को पश्चिम चेन्नई के वलसरवाक्कम समेत कई इलाकों के होटल और दुकानों में सूचना के आधार पर छापेमारी की लेकिन छापेमारी के दौरान सिर्फ १० किलो प्लास्टिक उत्पाद ही बरामद हुए। अधिकारियों का कहना है कि आगे हर जोन में इस तरह की कार्रवाई होगी और महानगर को प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा।
महानगर के कोयम्बेडु मार्केट, ब्राडवे, मूलकडै, आवड़ी, एनएसके नगर, अशोक नगर आदि इलाकों के फुटपाथों पर प्लास्टिक की पॉलीथिन में सब्जियां और फल, फूल बेचे जा रहे हैं। ऐसे में ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा इक्का-दुक्का जगहों पर छापेमारी महज दिखावा ही नजर आता है।