प्रधानमंत्री ने तमिल में ‘वनक्कम’ और ‘नाला इरूकींगाला’ (कैसे हैं आप) के साथ संवाद की शुरुआत की और सैलून के मालिक पोन मरियप्पन से पूछा कि पुस्तकालय बनाने का विचार उन्हें कैसे आया।
प्रधानमंत्री ने जब उनसे पूछा कि उन्हें कौन सी पुस्तक पसंद है तो उन्होंने कहा, ‘तिरूक्कुरल’। मोदी ने तमिल में उनसे बात जारी रखी और कहा कि उनसे बात करके अच्छा लगा जिस पर मरियप्पन ने भी कहा कि वह भी काफी खुश हैं। उनसे बात करने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘अभी पोन मरियप्पन जी से बात हुई। देखिए कैसे वह लोगों के बाल संवारते हैं और उनकी जिंदगियां भी।’’ मोदी पहले भी कई अवसरों पर तिरूक्कुरल का जिक्र कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने तमिल साहित्य ‘तिरूक्कुरल’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह जीवन के लिए मार्गदर्शक है और हर किसी को इसे पढऩा चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि पुस्तक सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। तिरूक्कुरल प्राचीन तमिल शिक्षाप्रद साहित्य है जिसमें 1330 दोहे हैं जो जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को दिशा दिखाता है।
पोन मरियप्पन तमिलनाडु के तुत्तुकुडी में रहते हैं। ये एक हेयरड्रेसर हैं। गरीबी के कारण वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद सैलून का कारोबार शुरू किया। अपने शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने किताबे रखनी भी शुरु कर दी। उनके सैलून में 800 से ज्यादा किताबों का कलेक्शन हैं। इतना ही नहीं जो लोग किताबे पढ़ते हैं और फिर उसका फीडबैक देते हैं वह उन्हें 30 फीसद डिस्काउंट भी देते हैं।