ज्ञातव्य है कि ८ अगस्त २०१६ को सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस ट्रेन के पार्सल वैन में ३४२ करोड़ रुपए ले जाए जा रहे थे, जिसमें से ५.७५ करोड़ रुपए लूट कर बदमाश मौके से फरार हो गए थे। ये रुपए केवल पांच सौ और हजार रुपए नोट थे। गैंग ने वैन की छत काटकर उसमें २ फीट और १.५ फीट का छेद किया और अंदर से पैसा निकालकर फरार हो गए। पुलिस ने क्राइम सीन पर एक्टिव फोन के आधार पर पहचान करने पर पाया कि इस घटना को अंजाम देने में चार या पांच लोगों का हाथ है।
सीबी-सीआईडी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन संदिग्ध मोबाइल नम्बरों में कुछ समानता पाई गई। जब इन नम्बरों की जांच की गई तो ये सभी लोग मध्यप्रदेश के एक ही स्थान के रहने वाले थे। जांच में पता चला कि इस गैंग ने उत्तर भारत में कई ऐसी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। अपराधियों को पकडऩे के लिए सीबी-सीआईडी की टीम मध्यप्रदेश की इंटेलीजेंस टीम के साथ लगातार संपर्क में थी। ये लोग अभी भी हमारी गिरफ्त से दूर हैं पर हमें इस बात की जानकारी मिल चुकी है कि इस घटना को किसने अंजाम दिया। अब उनको पकडऩे का प्रयास जारी है। पुलिस का कहना है कि इस डकैती में किसी विभाग के व्यक्ति के शामिल होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।