चेन्नई

एनईपी का विरोध कर विद्यार्थियों को अतिरिक्त भाषा सीखने से किया जा रहा वंचित: एल मुरुगन

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एल. मुरुगन ने मंगलवार को नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में तीन भाषा नीति के संदर्भ में राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे विरोध पर पलटवार किया।

चेन्नईAug 04, 2020 / 04:35 pm

Vishal Kesharwani

एनईपी का विरोध कर विद्यार्थियों को अतिरिक्त भाषा सीखने से किया जा रहा वंचित: एल मुरुगन


– नीति हिन्दी संस्कृत को नही थोप रहा
चेन्नई. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एल. मुरुगन ने मंगलवार को नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में तीन भाषा नीति के संदर्भ में राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे विरोध पर पलटवार किया। यहां जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा सभी को अच्छे से पता है कि एनर्ईपी के जरिए किसी पर भाषा नहीं थोपा जा रहा है, लेकिन फिर भी राजनीतिक लाभ के लिए लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं तो तमिल भाषा की गौरव बढ़ाते हैं। इस प्रकार मैं सभी से अपील करता हूंं कि भाषा मुद्दे को उठाकर एनईपी को न रोका जाए क्योंकि इस नीति का उद्देश्य युवाओं के भविष्य को सुधारना और वैश्विक स्तर पर उनके प्रतिस्पर्धी कौशल को बढ़ाना है।

 

उन्होंने कहा कि एनईपी में हिन्दी और संस्कृत अनिवार्य करने का उल्लेख कहीं भी नहीं है। लेकिन यह स्वभाविक है कि सीखने में आनंद आने पर विद्यार्थी अतिरिक्त भाषा सीखने में रूचि दिखाते हैं। उन्होंने कहा राज्य में हजारों सीबीएसई पाठ्यक्रम आधारित स्कूल और मैट्रिकुलेशन स्कूल हैं जो कई भाषाओं को पहले से ही सीखाते आ रहे हैं। लेकिन सरकारी स्कूल के विद्यार्थी अतिरिक्त भाषा सीखने के अवसर से वंचित हो रहे हैं। हम स्वयं ही विद्यार्थियों को हिन्दी या कोई अन्य भाषा सीखने के अवसर से दूर कर रहे हैं। वर्ष 1962 और 2020 के समय में बहुत बदलाव आ गया है और विचार भी बदल गए हैं।

 

जब तमिलनाडु के विद्यार्थी अतिरिक्त भाषा के रूप में हिन्दी, कन्नण, तेलुगु और मलयालम का चयन करेंगे तो अन्य राज्य के विद्यार्थी भी तमिल का चयन करना शुरू कर देंगे। लेकिन इसका विरोध कर हम ऐसे अवसरों को नजरअंदाज कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति 2020 में प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च अध्ययन तक विश्व स्तरीय शिक्षा की परिकल्पना की गई है और इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में सुधार करना भी है। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षण को दिए गए महत्व का सभी ने स्वागत किया है। एनईपी सिर्फ तमिलनाडु के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है।

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