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राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए लॉबिंग कर रहे प्रवासी

locationचेन्नईPublished: Jul 06, 2020 10:56:02 pm

विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक लगा रहे सिफारिश, कोरोना के चलते कई प्रवासी इन दिनों राजस्थान में

political appointments

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चेन्नई. कांग्रेस विचारधारा के करीब आधा दर्जन प्रवासी राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां पाने के लिए लॉबिंग में लगे हैं। इनमें अधिकांश वे हैं जो इससे पहले भी राजस्थान में जनप्रतिनिधि या पार्टी में विभिन्न पदों पर दायित्व निभा चुके हैं। एक प्रवासी तो कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की समिति में रह चुके हैं। इन दिनों कोरोना के चलते कई प्रवासी राजस्थान में ही डेरा डाले हैं। ऐसे में उनके लिए लॉबिंग करना काफी आसान हो गया है। वे स्थानीय विधायक, सांसद से लेकर मंत्रियों व मुख्यमंत्री तक अपनी दरख्वास्त पहुंचाने में लग गए हैं।
राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है। राजस्थान विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तमिलनाडु में एक बड़ी रैली की गई थी। इस रैली में कांग्रेस विचारधारा के प्रवासियों की अहम भूमिका रही थी। रैली में अशोक गहलोत भी आए थे।
लॉकडाउन के चलते टली थी नियुक्तियां
कोरोना संकट एवं लॉकडाउन के चलते राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई थी। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनवरी महीने में राजस्थान में सात सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया था। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे को समिति का अध्यक्ष बनाया था। तमिलनाडु में प्रवासरत राजस्थान मूल के निम्बाराम चौधरी गोदन, राजेन्द्र कुमार बोहरा बिलाडा, भूपेन्द्रसिंह देवड़ा जाखड़ी, गंगाराम खीचड़ विश्नोई कोटड़ा समेत करीब आधा दर्जन कांग्रेस विचारधारा के प्रवासी राजस्थान में कांग्रेस शासन में विभिन्न बोर्ड, आयोग व अन्य समितियों में नियुक्तियों के लिए जुगाड़ में लग गए हैं।
जल्द होने वाली है नियुक्तियां
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से करीब डेढ़ साल से राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा चल रही है। प्रदेश में करीब 52 बोर्ड, आयोग, समितियों व अकादमियों के साथ ही जिला व ब्लॉक स्तर पर करीब दस हजार नियुक्तियां होनी हैं। हालांकि लॉकडाउन के बीच ही कुछ समितियों व आयोग का गठन भी किया गया था लेकिन उनमें प्रवासियों को जगह नहीं मिल सकी। बाल अधिकारिता निरीक्षण समिवि, वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा समिति व बाल संरक्षण आयोग में राजनीतिक नियुुक्तियां दी गई थी।

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निम्बाराम चौधरी
निम्बाराम चौधरी मूल रूप से राजस्थान के जालोर जिले के आहोर क्षेत्र के गोदन गांव के निवासी है। वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसान मोर्चा के महामंत्री रह चुके हैं। संगठन में लम्बे समय से जुड़े हैं। हर मोर्चे पर संघर्षशील रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी नजदीकी माने जाते हैं। चेन्नई में अशोक गहलोत की मीटिंग के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। निम्बाराम चौधरी गोदन ग्राम पंचायत के सरपंच रह चुके हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी मुलकी देवी चौधरी गोदन की सरपंच है।
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राजेन्द्र कुमार बोहरा
राजेन्द्र कुमार बोहरा राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा के रहने वाले हैं। वे लम्बे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वे 1978 में कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य बने तथा तब से लगातार विभिन्न पदों पर रहते आए हैं। यूथ कांग्रेस में भी रहे। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। लगातार बीस साल से इस पद पर है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी रहे हैं।
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भूपेन्द्रसिंह देवड़ा
भूपेन्द्रसिंह देवड़ा जालोर जिले के जाखड़ी के रहने वाले हैं। जालोर जिला परिषद के वार्ड नं.- सात से जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं। जिला परिषद सदस्य रहते इलाके में विकास के काफी कार्य करवाए हैं। कम समय में इलाके में अच्छी पैठ कायम की है। स्थानीय नेताओं से अच्छे तालुकात है। विधानसभा चुनाव के समय भी टिकट के लिए काफी भागदौड़ की थी।
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गंगाराम खीचड़
गंगाराम खीचड़ विश्नोई जालोर जिले के कोटड़ा के रहने वाले हैं। वर्तमान में जालोर जिला कांग्रेस के खेलकूद प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष है। इससे पहले युवक कांग्रेस में जालोर जिले के महासचिव रह चुके हैं। गंगाराम विश्नोई की पत्नी ऐलचीदेवी सरपंच का चुनाव लड़ चुकी है। गंगाराम खीचड़ इलाके में लम्बे समय से सक्रिय रहे हैं।
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