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चेन्नई

गंगाजल से राजस्व कमा रहा डाक विभाग

-दीपावली गिफ्ट में गंगाजल की बोतल

चेन्नईOct 20, 2018 / 08:49 pm

PURUSHOTTAM REDDY

Postal department earning with sale of Gangajal in TN

Postal department earning with sale of Gangajal in TN

अशोकसिंह राजपुरोहित @ चेन्नई
तमिलनाडु में आसानी से गंगाजल उपलब्ध होने की जानकारी अधिकांश लोगों को संभवत: नहीं है। डाक विभाग राज्य में इसी गंगाजल के माध्यम से राजस्व अर्जित कर रहा है। गंगोत्री एवं ऋषिकेश से मिलने वाले गंगा जल की मांग लगातार बढ़ी है। ई-पोस्ट ऑफिस के साथ ही विभिन्न डाकघरों में मिल रहे गंगा जल के प्रति लोगों का काफी रुझान देखने को मिल रहा है।

दीपावली, नवरात्रि व अन्य पर्व-त्यौहार के अवसर पर गंगाजल की मांग बढ़ जाती है। अब तो कई लोग दीपावली पर गंगा जल से भरी बोतल गिफ्ट के रूप में देने लगे हैं। डाक विभाग की इस सुविधा से आस्थावान लोगों को गंगा जल खरीदने के लिए ऋषिकेश या गंगोत्री जाने की जरूरत नहीं है। कई डाकघरों में बकायदा इसके लिए काउंटर स्थापित किए गए हैं।

डाकघर में 200 एवं 500 एमएल की गंगा जल से भरी बोतलें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
2016 में शुरू हुई थी योजना

केन्द्र सरकार ने 2016 में घर-घर गंगा जल पहुंचाने की पहल की थी। ऋषिकेश के गंगाजल की 200 एमएल की बोतल का मूल्य 15 रुपए तथा 500 मिली पैक की कीमत 22 रुपए वहीं गंगोत्री के 200 मिली पैक की कीमत 25 रुपए तथा 500 मिली बोतल की कीमत 35 रुपए रखी गई है। डाकघर के एक अधिकारी के अनुसार, घर बैठे गंगा जल मंगाने के लिए डाक विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑर्डर बुक कराया जा सकता है।

कितनी मात्रा में गंगा जल चाहिए इसकी डिटेल बुक करनी होगी। निर्धारित कीमत चुकाने के बाद डाक विभाग स्पीड पोस्ट के जरिए घर पर ही गंगाजल पहुंचा देता है।

ताजा रहता है गंगा जल
गंगा जल लेने के लिए देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता गंगोत्री, ऋषिकेश एवं प्रयागराज में लगा रहता है। कभी खराब न होने के चलते गंगा जल का खासा महत्व है। इसे देखते हुए डाकघरों में गंगाजल बेचा जा रहा है। गंगोत्री के गंगा जल की मांग अधिक है। ऐसे में कई बार डाकघरों में गंगा जल का टोटा हो जाता है। ऐसे में ऋषिकेश का गंगा जल खरीदना पड़ता है।

गंगा जल से घर शुद्ध करने की परम्परा
पूर्वजों के अनुसार गंगोत्री का गंगा जल ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि गंगोत्री गंगा का उद्गम स्थल है। यहां का गंगा जल सबसे ज्यादा शुद्ध होता है इसीलिए इसकी मांग अधिक है। दीपावली, शिवरात्रि एवं नवरात्रि के दौरान गंगाजल की मांग अधिक रहती है। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन में गंगाजल का उपयोग होता है। इसके पहले गंगाजल से घर को शुद्ध भी किया जाता है। कहते हैं, शुद्ध एवं स्वच्छ घर में लक्ष्मी निवास करती है इसलिए लोग गंगोत्री एवं ऋषिकेश के गंगा जल का पूजा में उपयोग करते हैं।
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तीन महीने से गंगाजल ही नहीं
चेन्नई में राजाजी सालै स्थित जीपीओ, अन्ना सालै स्थित मुख्य डाकघर के अलावा मईलापुर, टीनगर, सेंट थॉमस माउंट व ताम्बरम डाकघरों में गंगाजल की बिक्री की जा रही है। गंगाजल की मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गंगाजल बिक्री के लिए आते ही तुरन्त बिक जाता है। हालात यह है कि मइ्र्रलापुर पोस्टऑफिस में जुलाई से गंगाजल ही नहीं पहुंचा है। अन्ना सालै स्थित मुख्य डाकघर में भी एक महीने से गंगाजल उपलब्ध नहीं है। कमोबेश यही हाल गंगाजल की बिक्री के लिए बने काउंटरों का है।

अन्ना सालै मुख्य डाकघर में अब तक बिका गंगाजल
वर्ष राजस्व की प्राप्ति गंगाजल की बिक्री
2016 77831 रुपए 4041 बोतलें
2017 69132 रुपए 3431 बोतलें
2018 27169 रुपए 1350 बोतलें
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डाक विभाग के काउंटरों पर गंगाजल की मांग लगातार बनी हुई है। तिरुचि सेन्ट्रल रीजन में पिछले दो साल में गंगाजल की 2854 बोतलों की बिक्री हुई जिनसे 3,90,285 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इनमें 200 मिली गंगाजल की 375 बोतलें व 500 मिली की 1259 बोतलें बेची गई।
-अंबेश उपमन्यु, पोस्टमास्टर जनरल, सेन्ट्रल रीजन, तिरुचि.

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