याची ने जून और जुलाई महीने मेंं कोरोना के दूसरे दौर को लेकर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी का हवाला दिया कि उन महीनों में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आने की आशंका व्यक्त की गई है। ऐसे में राज्य सरकार का एक जून से बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने की घोषणा करना चिंताजनक है। बोर्ड परीक्षा लिखने वाले विद्यार्थियों की संख्या १० लाख से अधिक है। ऐसे में परीक्षा स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराना मुश्किल होगा। विद्यार्थियों की प्रकृति भी बचपने की होती है इस वजह से कोरोना के प्रसार की आशंका बढ़ जाएगी।
याची ने चिंता जताई कि जब लोक परिवहन ही बंद है तो सरकार क्यों बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर तुली है? ग्रामीण विद्यार्थी तो पूरी तरह से लोक परिवहन पर ही निर्भर हैं। वे १२ मई को राज्य के शिक्षा विभाग को प्रतिवेदन भेज चुके हैं कि जब तक राज्य में कोरोना जीरो प्रतिशत नहीं हो जाए परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएं।