अधिकारी ने बताया कि बिजली की खपत में आए इस उछाल की दूसरी प्रमुख वजह फसलों की सिंचाई के लिए पंप सेटों का अंधाधुंध प्रयोग है। दरअसल पिछले साल दक्षिणी जिलों व डेल्टाई क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने के कारण किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए भूजल का उपयोग कर रहे हैं। टैन्जेडको के एक अन्य अधिकारी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस महीने के अंत तक बिजली की खपत 370 एमयू के स्तर को भी पार कर सकती है। उन्होंने बताया बिजली की इस मांग को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त विद्युत स्रोत मौजूद हैं। मई से पवन ऊर्जा से बिजली प्राप्त करना शुरू कर दिया जाएगा।